देवभूमि उत्तराखंड को झकझोरने वाले घटनाक्रम में 18 साल की अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि Ankita Bhandari की मौत डूबने से हुई। ऋषिकेश की चिल्ला लहर में उसका शव मिला था। वहीं डॉक्टरों को Ankita Bhandari के शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं। वहीं पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक, Ankita Bhandari जिस रिसॉर्ट में रिस्पेशनिस्ट थी, उसका मालिक पुलकित आर्य और उसके दो अन्य साथी वहां आने वाले गेस्ट्स को 'स्पेशल सर्विस' देने के लिए अंकित पर दबाव डालते थे।
'स्पेशल सर्विस' का अर्थ यह है कि पुलकित आर्य अपने रिसॉर्ट देह व्यापार करवाना चाहता था और पुलिस का मानना है कि अंकिता ने इसका विरोध किया तो उसे मौत के घाट उतार दिया गया। पुलिस ने पुलकित और उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। मामले के सख्त एक्शन लेते हुए भाजपा ने पुलकित के पिता विनोद आर्य और भाई अंकित कार्य को पार्टी से निकाल दिया है।
अंतिम संस्कार से पहले परिवार की शर्त
अंकिता भंडारी का आज अंतिम संस्कार होना है, लेकिन परिवार पहले पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की मांग कर रहा है। अंकिता भंडारी के भाई अजय भंडारी ने कहा, जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी जाती, हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हमने अंकिता की प्रोविजनल रिपोर्ट में देखा कि उसे पीटा गया और नदी में फेंक दिया गया। लेकिन हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच, विरोध की आग दिल्ली तक पहुंच गई है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने भाजपा मुख्लायल के बाहर प्रदर्शन किया। आप का आरोप है कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार मामले को दबा रही है।
हत्याकांड सामने आने के बाद से स्थानीय लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। लोग पुलिस पर भी सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि शुरू में मामले को दबाने की कोशिश के आरोप लगे हैं। जब घटना की चर्चा पूरे देश में होने लगी तो पुलिस सख्त हुई। रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाया जा चुका है। अब लोगों का कहना है कि दोषियों को फांसी की सजा होना चाहिए।
कहानी अंकिता भंडारी की
उत्तराखंड में पौड़ी जिले के यमकेश्वर प्रखंड के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करने वाली अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari) कुछ दिनों पहले लापता हो गई थीं। शनिवार को उसका शव बरामद किया गया। एक दिन पहले पुलिस ने 19 वर्षीय लड़की की मौत के मामले में भाजपा से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य और उनके दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था।