आतंकवाद का खात्मा हुआ तो कश्मीर में मनोरंजन भी लौट आया। सिनेमा के प्रेमियों के लिए इससे बड़ी बात नहीं हो सकती। कश्मीर का पहला मल्टीप्लेक्स आज खुल गया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा इसका उद्घाटन किया। Kashmir First Multiplex की ताजा तस्वीरें से साफ है कि कश्मीर के लोग इसके लिए पूरी तरह तैयार और उत्साहित हैं। 1 अक्टूबर से यहां फिल्में देखी जा सकती हैं। यहां रिलीज होने वाली पहली दो फिल्में हैं - विक्रम वेधा और पोन्नियिन सेलवन। श्रीनगर के शिव पोरा क्षेत्र में इस आईनॉक्स थिएटर के साथ कश्मीर के लोगों के लिए 23 साल बाद यह पहला मौका है जब वे सिनेमा में बैठकर फिल्मों का आनंद ले पाएंगे।स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए यहां एक फूड कोर्ट भी है। ऑडिटोरियम में डॉल्बी एटमॉस डिजिटल साउंड सिस्टम लगाया गया है, ताकि सराउंड साउंड के साथ दर्शकों को बेहतरीन मूवी अनुभव मिल सके हैं।
इस मल्टीप्लेक्स में तीन स्क्रीन हैं जहां कुल 522 लोगों के बैठने की क्षमता है। टिकटों की बिक्री 26 सितंबर से शुरू होगी और पहला शो 1 अक्टूबर के लिए तय किया गया है। विकास धर इस मल्टीप्लेक्स के मालिक हैं। टक्सल हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विकास धर ने बताया, 'यह मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। जब हम छोटे थे तो कश्मीर के सिनेमाघरों में जाया करते थे। तब यहां 10-12 सिनेमा हॉल थे।' 1990 के दशक में उग्रवाद के कारण कश्मीर घाटी में स्थित ग्यारह सिनेमा हॉल बंद कर दिए गए थे।1996 में फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने दो सिनेमा हॉल, ब्रॉडवे और नीलम को फिर से खोलने के प्रयास किए थे, लेकिन सुरक्षा की कमी और अव्यवस्था के कारण यह प्रयास विफल रहा। 1999 में लाल चौक में रीगल सिनेमा ने 'प्यार कोई खेल नहीं' के शो के दौरान आतंकवादियों ने ग्रेनेड फेंका था, जिसका बाद से यहां फिल्मों की स्क्रीनिंग रोक दी गई थी।