नई दिल्ली. कोरोनावायरस के अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए सरकार ने दूसरे प्रोत्साहन पैकेज की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है। इस राहत पैकेज की घोषणा इसी सप्ताह हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रोत्साहन पैकेज में छोटे कारोबारों और प्रवासी मजदूरों को नकद सहायता की घोषणा की जा सकती है।
चरणबद्ध तरीके से होगी प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा
अधिकारियों के अनुसार, दूसरे प्रोत्साहन पैकेज की रूपरेखा पूरी तरह से तैयार है और इसकी घोषणा चरणबद्ध तरीके से हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक सरकार ने 17 मई को खत्म हो रहे लॉकडाउन के तीसरे चरण को देखते हुए अर्थव्यवस्था का रिव्यू किया है। ऐसे में प्रोत्साहन पैकेज के पहले चरण में एमएसएमई और इसी सप्ताह अपने घरों को लौटे प्रवासी कामगारों पर फोकस हो सकता है। इसके अलावा लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित सर्विस सेक्टर के लिए भी पैकेज की घोषणा हो सकती है।
पीएमओ और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच कई बार बैठक
दूसरे प्रोत्साहन पैकेज की रूपरेखा तय करने को लेकर पीएमओ और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच कई बार बैठक हो चुकी है। पीएमओ इस प्रोत्साहन पैकेज को लेकर पूरी गोपनीयता बरत रहा है और हितधारकों से सीधे संपर्क कर रहा है। हाल ही में सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए बोरोइंग लक्ष्य को 7.8 लाख करोड़ से बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपए किया है।
एमएसएमई को दी जा सकती है क्रेडिट गारंटी
25 मार्च को लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर एमएसएमई सेक्टर पर पड़ा है। लॉकडाउन के कारण अधिकांश एमएसएमई में कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है। ऐसे में एमएसएमई की मदद से लिए सरकार क्रेडिट गारंटी योजना का ऐलान कर सकती है। इस योजना के तहत सरकार एमएसएमई को वर्किंग कैपिटल के 10 से 15 फीसदी के बराबर बैंकों से अतिरिक्त लोन दिलाएंगी और इसकी गारंटी देगी। यदि कोई एमएसएमई लोन भुगतान में डिफॉल्ट करती है तो सरकार इसका भुगता करेगी।
प्रवासी कामगारों को दी जा सकती है नकद सहायता राशि
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार दूसरे प्रोत्साहन पैकेज में प्रवासी कामगारों के लिए नकद सहायता राशि देने की घोषणा कर सकती है। यह सहायता राशि तीन से 6 महीने तक दी जाएगी। इसके लिए सरकार पैकेज में 15 से 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान कर सकती है। यदि ज्यादा प्रवासी कामगार घर लौटते हैं तो सरकार फूड सब्सिडी और जॉब गारंटी स्कीम के लिए और फंड की घोषणा कर सकती है।
1.7 लाख करोड़ रुपए का था पहला प्रोत्साहन पैकेज
कोरोना के कारण लागू किए गए लॉकडाउन से लोग घरों में बंद रहने के लिए मजबूर हो गए थे। ऐसी स्थिति में गरीबों और मजदूरों की मदद के लिए सरकार ने मार्च में 1.7 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज में गरीबों के लिए डायरेक्ट कैश ट्रांसफर, फ्री खाना समेत कई प्रकार की घोषणाएं शामिल थीं।