नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि देश भर में बैटरी से चलने वाले ई रिक्शा को इजाजत दी जाए। सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का ख्याल रखते हुए इस ई रिक्शा से तमाम सामानों की सप्लाई हो सकती है और इससे लोगों को घर से बाहर नहीं जाना होगा और तमाम सामान डोर स्टेप पर मिलेगा। ई रिक्शा नहीं चलाए जाने के कारण इससे जुड़े लोगों का जीवन दूभर हो गया है।
सुप्रीम कोर्ट में कनिष्क सिन्हा नामक एक साइंटिस्ट ने अर्जी दाखिल कर कहा है कि अथॉरिटी इस मामले में विचार नहीं कर रही है और सुनवाई नहीं हो रही है जो मनमानी और नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है। इस मामले में भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय और अन्य को प्रतिवेदन दिया गया था कि गरीब रिक्शा वालों का जीवन लॉकडाउन के कारण कष्ट में आ गया है। उनके पास रिक्शा चलाने के अलावा जीवन यापन का कोई और जरिया नहीं है।
लॉकडाउन बढ़ता गया है और आगे बढ़ा तो ऐसे लोगों का जीवन दूभर हो जाएगा। ये उनके और उनके परिजनों के लिए जीवन मरन का प्रश्न हो गया है। ऐसे में एक आदर्श तरीका तलाशने की जरूरत है। ई रिक्शा को लॉकडाउन की स्थिति में सही तरह से इस्तेमाल करने की जरूरत है। इसे आपात स्थित में पूरे भारत में सोशल डिस्टेंसिंग बरकरार रखते हुए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
सुरक्षा और सोशल डिस्टेंसिंग के मानक को पूरा करते हुए ई रिक्शा का इस्तेमाल हो सकता है। देश भर के दुकानदार अभी सामान की सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। किसान अपने उत्पाद को थोक मार्केट नहीं पहुंचा पा रहे हैं। फार्मा कंपनी अपनी दवाई गणतव्य तक नहीं पहुंचा पा रही है। ऐसे में ई रिक्शा का सही इस्तेमाल कर इन परेशानियों को खत्म किया जा सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए लोगों को डोर स्टेप पर सामान मिले इसके लिए ई रिक्शा का प्रयोग किया जा सकता है।