देशभर में लॉकडाउन को डेढ़ महीने से ज्यादा वक्त गुजर चुका है। हम लॉकडाउन के तीसरे चरण में हैं। फिलहाल रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन बनाकर कुछ रियायतें दी गई हैं मगर इकनॉमिक ऐक्टिविटीज ठप पड़ जाने से नया संकट पैदा हो गया है। सरकार ने कंस्ट्रक्शन, रिटेल और मैनुफैक्चरिंग को शुरू करने के लिए लॉकडाउन 3.0 में कई रियायतें दी थीं। हालांकि कई राज्यों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए बड़े इलाकों में कई प्रतिबंध जारी रखे। 17 मई के बाद क्या होगा, इसे लेकर सरकार प्लान बनाने में जुटी है। इस बात पर चर्चा चल रही है कि पूरे जिले में प्रतिबंध की बजाय सिर्फ उन इलाकों में लॉकडाउन किया जाए, जहां Covid-19 के मामले हैं। सूत्रों के मुताबिक, कोरोना के चलते पैदा हुए आर्थिक संकट को कम करने के लिए कंटेनमेंट जोन्स के बाहर इकनॉमिक ऐक्टिविटीज को मंजूरी दी जा सकती है।
लगभग बंद ही हैं आर्थिक गतिविधियां
केंद्र ने लॉकडाउन 3.0 में कुछ शर्तों के साथ काम शुरू करने की परमिशन दी थी। मगर कंस्ट्रक्शन ऐक्टिविटीज रफ्तार नहीं पकड़ सकी हैं। वहां मजदूरों की कमी एक बड़ी समस्या है। इसके अलावा मैनुफैक्चरिंग नहीं शुरू हो पाने से माल की ढुलाई में भी वैसी तेजी देखने को नहीं मिली है।
थोड़ा-थोड़ा पॉजिटिव ट्रेंड दिख रहा है
लॉकडाउन से पहले रोज जहां करीब 22 लाख ई-वे बिल्स जेनरेट होते थे, अब उनकी संख्या 6 लाख तक रह गई है। हालांकि पिछले तीन हफ्तों में इसमें करीब 100 फीसदी की उछाल देखने को मिला है जो कि अच्छा ट्रेंड है। तीन हफ्ते पहले तक डेली 3.2 ई-वे बिल जेनरेट हो रहे थे।
'बड़े इलाकों को बंद करना ठीक नहीं'
सरकार के भीतर ये राय बन रही है कि बड़े एरिया का बंद करना मुफीद नहीं रहेगा। इसलिए ऐसी स्ट्रैटजी बनाने की जरूरत है जिसमें एक खास लोकेशन पर कोरोना से निपटा जाए और इकनॉमिक ऐक्टिविटीज शुरू हो सकें।
कोरोना हॉटस्पॉट छोड़ बाकी जगह दी जा सकती है छूट
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 3.0 के लिए जो गाइडलाइंस जारी की थीं, उसमें रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में कई तरह की गतिविधियों की इजाजत दी थी। इनमें नियमित समय पर दुकानों का खुलना, लोगों को बाहर निकलने की छूट मिलना प्रमुख थीं। ग्रीन जोन में बस सेवाएं और इंडस्ट्रीज शुरू करने के भी निर्देश थे। हालांकि कई राज्य सावधानी बरतते हुए इतनी छूट देने को राजी नहीं हुए। अब केंद्र सरकार नए निर्देशों में केवल कंटेनमेंट जोन्स के भीतर प्रतिबंध लागू रख सकती है। उसके बाहर, जरूरी सावधानियों के साथ जनजीवन सामान्य करने की ओर बढ़ा जा सकता है।
फिलहाल कहीं नहीं जाने वाला कोरोना
सरकार बार-बार कह चुकी है कि कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी। इस चुनौती से निपटने के लिए सावधानी ही उपाय है। वैक्सीन तैयार होने और उसे सबतक पहुंचने में वक्त लगेगा, तब तक देश को लॉकडाउन में नहीं रखा जा सकता।
सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क बनेगा हथियार
लॉकडाउन खत्म होने के बाद, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को आम जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा। नहीं तो वायरस के फैलने का खतरा वैसा ही बरकरार रहेगा। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं। लोगों को बाहर निकलते समय बेहद सावधान रहना होगा। पब्लिक प्लेसेज पर सैनिटाइजर्स की व्यवस्था करनी होगी। इसके अलावा, संदिग्धों की टेस्टिंग और उनकी बेहतर रिकवरी के लिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत करने की जरूरत है।