कोरोनो वायरस रोगियों कि डिस्चार्ज पॉलिसी एडिट, मात्र 10 दिन में डिस्चार्ज

Posted By: Himmat Jaithwar
5/9/2020

नई दिल्‍ली। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने कोरोनो वायरस रोगियों कि डिस्चार्ज पॉलिसी को एडिट किया है। एडिटेड डिस्चार्ज पॉलिसी के अनुसार, अगर पेशेंट में कोई लक्षण नजर नहीं आता है, तो उसे दस दिनों के बाद हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी जाएगी। डिस्‍चार्ज से पहले परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं होगी। ऐसे व्‍यक्ति को सलाह दी जाएगी कि वह अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होने के बाद 7 दिनों तक आइसोलेशन में रहें और गाइडलाइन का पालन करें। हालांकि, गंभीर रोगों से जूझ रहे कोरोना पीडि़त मरीजों पर निर्णय उनकी हालात को देखते हुए डॉक्‍टर्स लेंगे।

कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ेगी, इसलिए पॉलिसी को एडिट किया

ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्‍या तेजी से बढ़ सकती है। ऐसे में सरकार ने पहले ही इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। नई संशोधित पॉलिसी के मुताबिक, ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं/बहुत हल्‍के हैं, उन्‍हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा। यहां मरीजों का रेगुलर टेम्‍प्रेचर चेक और पल्‍स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा। अगर तीन दिन तक बुखार ना आया हो, तो मरीज को 10 दिन के बाद डिस्‍चार्ज किया जा सकता है। डिस्‍चार्ज से पहले, अगर कभी भी ऑक्‍सीजन सैचुरेशन 95% से नीचे जाता है तो मरीज को डेडिकेटेड कोविड हेल्‍थ सेंटर (CDC) ले जाया जाएगा।

अगर किसी शख्‍स को अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज होने के बाद बुखार, खांसी या सांस लेने के परेशानी होती है, तो वह कोविड केयर सेंटर, राज्‍य के हेल्‍पलाइन नंबर या 1075 पर संपर्क कर सकता है। अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज हुए लोगों की 14 वें दिन टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्वास्थ्य जांच फिर की जाएगी।

वहीं, संशोधित पॉलिसी के अनुसार, गंभीर लक्षण वाले मरीजों को कोरोना वायरस के इलाज के लिए बने 'कोविड हेल्‍थ सेंटर' में ऑक्‍सीजन बेड्स पर रखा जाएगा। उन्हें बॉडी टेम्‍प्रेचर और ऑक्‍सीजन सैचुरेशन चेक्‍स से गुजरना होगा। अगर बुखार 3 दिन में उतर जाता है और मरीज का अगले 4 दिन तक सैचुरेशन लेवल 95% से ज्‍यादा रहता है, तो मरीज को 10 दिन के बाद छोड़ा जा सकता है। हालांकि, इस स्थिति में बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्‍सीजन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। ऐसे मरीजों को डिस्‍चार्ज से पहले टेस्टिंग से नहीं गुजरना होगा। 

हालांकि, पहले से गंभीर बीमारी से जूझ रहे कोरोना मरीजों के लिए नियम कुछ अलग होंगे। ऐसे मरीज जो ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्‍हें क्‍लीनिकल सिम्‍प्‍टम्‍स दूर होने के बाद ही डिस्‍चार्ज किया जाएगा। लगातार 3 दिन तक ऑक्‍सीजन सैचुरेशन मेंटेन रखने वाले मरीज ही डिस्‍चार्ज होंगे। इसके अलावा एचआइवी पेशेंट्स और अन्‍य गंभीर बीमारियों वाले पेशेंट्स को क्‍लीनिकल रिकवरी और आरटी-पीसीआर टेस्‍ट में नेगेटिव आने के बाद ही डिस्‍चार्ज किया जाएगा।



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