अमित शाह ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र, ट्रेन की अनुमति न देना प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय

Posted By: Himmat Jaithwar
5/9/2020

केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार के बीच कोरोना संकट के दौर में भी लगातार ठनी हुई है। पहले लॉकडाउन के प्रावधानों को ठीक से लागू न करने की शिकायत केंद्र राज्य सरकार से कर चुका है और अब अलग-अलग राज्यों में फंसे पश्चिम बंगाल के मजदूरों की घर वापसी के लिए अपेक्षित सहयोग न मिलने की बात कहते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखी है।   

शाह ने चिट्ठी में कहा है कि केंद्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों को घर तक पहुंचने में मदद करने के लिए बंगाल सरकार से अपेक्षित समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने 200,000 से अधिक प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाने की सुविधा प्रदान की है और पश्चिम बंगाल के श्रमिक भी वापस जाने के लिए उत्सुक हैं। पत्र में कहा गया है, "पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासियों के साथ गाड़ियों को राज्य में पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है। यह पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है। इससे उनके लिए और कठिनाई पैदा होगी।" कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के राज्य के प्रयासों के बीच प्रवासी श्रमिकों का मुद्दा केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच नया विवाद बन गया है।

केंद्र और राज्य ने संक्रमण से मौतों की रिपोर्ट  को लेकर पहले ही एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं।  बंगाल का कहना है कि केंद्र एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है तो केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य के अधिकारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए बार-बार दी जा रही चेतावनी की अनदेखी कर रहे हैं। केंद्र का कहना है कि बंगाल पर्याप्त टेस्ट करने और हॉटस्पॉट की पहचान करने में विफल रहा है तथा भ्रम व कुप्रबंधन से जूझ रहा है।

गौरतलब है कि अचानक लगे लॉकडाउन में जो प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंस गए थे, वे अपने-अपने घरों को जाने के लिए पैदल ही चल पड़े। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल स्थित झारग्राम, मुर्शिदाबाद और वीरभूम जिला के प्रवासी मजदूर जो बिहार के बरौनी और पटना में मजूदरी कर रहे थे, वहां से पैदल ही अपने घरों के लिए सड़क के रास्ते निकल पड़े थे। 31 मार्च को ये प्रवासी मजदूर झारखंड बॉर्डर से गुजरते हुए शहर की ओर जा रहे थे कि जिला प्रशासन ने इन सबों को आचार्य नरेन्द्र देव भवन जसीडीह में बनाए गए क्वारंटान सेंटर में क्वारंटाइन कर दिया।

क्वारंटाइन सेंटर में करीब एक महीने से रह रहे प्रवासी मजदूरों ने बताया कि यहां उन्हें समय पर खाना और स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जा रही हैं। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी देवघर विवेक किशोर से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर पश्चिम बंगाल भेजने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पर्याप्त बस की व्यवस्था की गई। लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा इन प्रवासी मजदूरों को उनके घर ले जाने की अनुमति नहीं मिली, जिस कारण एक सौ से अधिक प्रवासी मजदूरों को उनका घर नहीं भेजा जा सका। पश्चिम बंगाल सरकार से अनुमति मिलने के बाद सबों को उनलोगों का गृह जिला भेज दिया जाएगा।



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