पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमल कांग्रेस की सांसद अपरूपा पोद्दार ने कोरोना संकट के बीच जन्मी अपनी नवजात बच्ची का उपनाम ‘कोरोना’ रखा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जच्चा-बच्चा का हालचाल लिया। अपरूपा के पति मोहम्मद शकीर अली ने कहा कि वे बच्ची और बाकी सभी को इस बात की याद दिलाना चाहते हैं कि कितने मुश्किल समय में उसका जन्म हुआ था।
वहीं आरामबाग से सांसद अपरूपा का कहना है कि पूरी दुनिया वायरस से जूझ रही है। हमें इससे डरना नहीं बल्कि लड़ना है।
सांसद ने गुरुवार को दूसरी संतान को हुगली जिले के एक निजी नर्सिंग होम में जन्म दिया। उनके पति एवं रिसड़ा नगरपालिका से टीएमसी पार्षद अली ने कहा कि यह परिस्थिति एक अच्छे कल में बदल जाएगी लेकिन उसका नाम लोगों को इस मुश्किल समय की याद दिलाता रहेगा जिसका सामना पूरी दुनिया कर रही है। दंपती को छह साल की एक और बेटी है।
पहले भी रखे जा चुके हैं कोरोना और लॉकडाउन जैसे नाम
आपको बता दें कि इससे पहले कोरोना और लॉकडाउन जैसे नाम रखे जा चुके हैं। बीते महीने उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के खुखुंदू गांव में पैदा हुए एक बच्चे का नाम उसके माता-पिता ने 'लॉकडाउन' रखा। बच्चे के पिता पवन का कहना था कि यह लॉकडाउन के दौरान पैदा हुआ था। हम कोरोना महामारी से बचाने के लिए लॉकडाउन लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हैं। चूंकि लॉकडाउन राष्ट्रीय हित में है इसलिए हमने बच्चे का नाम 'लॉकडाउन' रखा है।
गोरखपुर में जनता कर्फ्यू के दिन पैदा हुई एक बच्ची का नाम उसके चाचा ने 'कोरोना' रखा था। चाचा नितेश त्रिपाठी ने कहा कि उन्होंने घातक वायरस फैलने के बाद बच्चे का नाम कोरोना रखने का फैसला किया, क्योंकि कोरोना ने दुनिया को एकजुट कर दिया है। सोहगौरा गांव में पैदा हुई बच्ची चर्चा का विषय बन गई थी।