रोना वायरस लॉकडाउन शुरू होने के बाद से प्रकृति भी लोगों को हैरान कर रही है। सदर बाजार इलाके में मुगलों के काल के एक कुएं का पानी इतना चढ़ गया कि वह जमीन के नीचे से रिसता हुआ आसपास की मार्केट की दुकानों में घुस गया। अब दुकानदार हैरान-परेशान हैं। (स्टोरी- रामेश्वर दयाल) दुकानों में घुसा पानी एशिया के सबसे बड़ी मार्केट हब सदर बाजार में मुगलों के वक्त की घोड़े वाली सराय है। बताते हैं कि मुगल सेना के घोड़े इस सराय में आराम फरमाते थे और यहीं से सैनिक दूसरे राज्यों के लिए कूच करते थे। सदर बाजार बसना शुरू हुआ तो इस सराय के आसपास कई छोटी-बड़ी मार्केट बन गईं, जिनमें गांधी मार्केट, न्यू मार्केट आदि शामिल हैं। यह सराय कई साल से सदर बाजार में काम करनेवाले मजदूरों का आश्रय स्थल बनी हुई है। इस कुएं का पानी इन मजदूरों की दिनचर्या में शामिल है। अब लॉकडाउन है, इसलिए मजदूर इस सराय को छोड़कर चले गए हैं। मजदूरों के ‘पलायन’ ने कुएं की प्रकृति में बदलाव किया। बताते हैं कि दो दिन पहले यहां फंसे एक मजदूर ने गांधी मार्केट के एक दुकानदार अशोक लांबा को फोन कर बताया कि उनकी दुकान के आसपास की जमीन गीली हो रही है। लांबा दुकान पहुंचे। दुकान बेसमेंट में थी। उसमें पानी भरा था। उन्होंने जैसे-तैसे पानी निकालकर दुकान सुखाई। (स्टोरी- रामेश्वर दयाल) 70 फिट से 10 फिट पर आया पानी गुरुवार को कुछ दुकानदार मार्केट में आए, तो उनकी दुकानों में भी पानी भरा था। लोगों को पहले लगा कि कहीं जल बोर्ड की पाइपलाइन तो लीक नहीं कर रही। ऐसा कुछ नहीं था। तब एक बुजुर्ग ने बताया कि सराय के कुएं का पानी बहुत चढ़ गया है। मुमकिन है कि कुएं का पानी जमीन से रिसकर दुकानों तक पहुंच गया हो। बताते हैं कि इस मार्केट में जमीन को गहरा खोदकर वहां दुकानें बनाई गई हैं। आम दिनों में इस कुएं का पानी 60 फुट से अधिक गहराई पर था, आजकल दस फुट से कम पर पानी दिख रहा है। सहारनपुर से दिखे गंगोत्री के पहाड़ यूपी के सहारनपुर में लोगों ने पिछले दिनों अजब नजारा देखा। लॉकडाउन के दौरान सभी फैक्ट्रियां, छोटे-मोटे उद्योग धंधे बंद पड़े हैं। साथ ही लोगों की आवाजाही भी सड़कों पर नदारद है जिससे जिले में प्रदूषण लगभग खत्म हो गया है। इससे सहारनपुर शहर से अब शिवालिक की तलहटी ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड की पहाड़ियों की श्रृंखलाओं में बर्फ से ढंकी पर्वतमालाएं साफ नजर आने लगी हैं। ये पहाड़ियां सहारनपुर से 200 किलोमीटर दूर हैं। फिर नदी बनी यमुना लॉकडाउन का एक और कमाल हम पहले भी देख चुके हैं। दिल्ली में जहां यमुना किसी नाले का रूप ले चुकी थी वह इस लॉकडाउन की वजह से फिर से नदी जैसी लगने लगी।