कोरोना के डर को कुछ पल के लिए भूल जाइए। कुदरत की नैसर्गिक खूबसूरती का अहसास कीजिए। जो दशकों तक नहीं हुआ, वह अब होता दिख रहा है। पचासों साल में हवा इतनी शुद्ध नहीं हुई, जितनी अब हुई है। सहारनपुर में वायु प्रदूषण का स्तर 40 पहुंच गया है। हवा में प्रदूषण के तौर पर उड़ने वाले कण गायब हो चुके हैं। यही वजह है कि अब बर्फ से ढकी पहाड़ियां, पर्वत श्रृंखलाएं दिखाई देने लगीं हैं।
सहारनपुर आयकर विभाग के अधिकारी ने उत्तराखंड की खूबसूरत पहाड़ियों की श्रृंखला गंगोत्री को कैमरे में कैद किया गया है। यह पहाड़ियां एयर डिस्टेंस के हिसाब से 200 किलोमीटर बताई जा रहीं हैं। मैंने वसंत विहार दिल्ली रोड सहारनपुर से सोमवार की शाम को अपने डीएसएलआर कैमरे से ये तस्वीर कैद की। जो उत्तर पूर्व में 60 डिग्री तक सफेद दिख रही थी। गूगल सर्च और कुछ जानकारों से पूछा तो पता चला कि मौसम साफ हो और प्रदूषण न हो तो बीस हजार फीट ऊंची कोई भी श्रृंखला दो से तीन सौ किलोमीटर तक दिख सकती है। फिलहाल जो कैद हुआ है। वह इस रेंज में आता है। वे और उनकी पत्नी ने शाम चार बजे ये तस्वीरें कैद कीं।
- दुष्यंत, इनकम टैक्स अफसर, सहारनपुर
मुझे तो लगता है कि इससे पहले भी कभी इतना बढ़िया पर्यावरण नहीं हुआ होगा। सहारनपुर का एयर इंडेक्स चालीस के करीब है। यानि यह सामान्य से भी बेहतर स्तर में है। शून्य से पचास तक सबसे बेहतरीन माना गया है। वाकई ये कमाल हुआ है।
- पवन मिश्रा, सहायक वैज्ञानिक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहारनपुर
खूबसूरत चोटियां दिख रहीं हैं। नीचे शिवालिक का जंगल है। ऊंचाई से देखेंगे तो त्रिभुज बना है तो टॉप वाला पहले दिखता है। उसके नीचे डिस्टर्बेंस रहेगा जो शिवालिक की पहाड़ी है फिर वैली दिखेगी और फिर टॉप दिखेगा। मसूरी के टॉप से गंगोत्री और यमुनोत्री की पर्वत श्रृंखला तस्वीर में दिख रही है। फोटो खींचने वाले को बधाई।
- वीके जैन, वन संरक्षक, वन परिक्षेत्र सहारनपुर मंडल