कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि हर कोई अपने सामर्थ्य के हिसाब से कोरोना की लड़ाई को लड़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, 'साथियो, रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। अब अवसर है इस रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाए।
उन्होंने कहा, 'कोई अपनी पूरी पेंशन, पुरस्कार राशि को पीएम केयर्स में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है, कोई मास्क बना रहा है। कहीं मजदूर भाई-बहन क्वरंटाइन बाद स्कूल की रंगाई-पुताई कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि हमारे किसान भाई-बहनों को ही देखिए। वे एक तरफ इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भी भूखा ना सोए।
'मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों या फिर अन्य सेवा करने वाले लोग हों। हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है। हमारे पुलिसकर्मी गरीबों, जरूरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं, दवा पंहुचा रहे हैं।
पीएम ने कहा कि जिस तरह से हर मदद के लिए पुलिस सामने आ रही है इससे पुलिसिंग का मानवीय और संवेदनशील पक्ष हमारे सामने उभरकर के आया है। हमारे पुलिसकर्मियों ने इसे जनता की सेवा के एक अवसर के रूप में लिया है। हम सभी ने इस सकारात्मकता को कभी भी नकारात्मकता के रंग से रंगना नहीं है।
'देश में चल रहा है बहुत बड़ा महायज्ञ'
पीएम मोदी ने कहा कि ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती, इन सारी चीजों ने जिन भावनाओं को जन्म दिया, जिस जज्बे से देशवासियों ने कुछ-न-कुछ करने की ठान ली है-हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया है। शहर हो या गांव, ऐसा लग रहा है जैसे देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है, जिसमें हर कोई अपने योगदान के लिए आतुर है।