नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लॉकडाउन के नियमों पर स्पष्टीकरण दिया है। रविवार को उन्होंने कहा कि दुकानें, मॉल्स खोले जाने को लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर ही अमल किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में कोई दुकान नहीं खुलेगी। वहीं, दो दिन दूसरी बार केजरीवाल ने कहा कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों को प्लाज्मा दान करना चाहिए। शनिवार को भी उन्होंने यही बात कही थी।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि केंद्र ने कुछ दुकानों को खोलने की बात कही थी। हम भी इसी को लागू करेंगे। मेडिकल-ग्रॉसरी स्टोर, सब्जी-फल दुकान, दूध की दुकान खुली रहेंगी। वहीं, रिहायशी इलाकों में स्टेंडअलोन दुकानें भी खुलेंगी। कोई भी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मार्केट नहीं खुलेगा।
दिल्ली में पिछले हफ्ते हालात सुधरे
केजरीवाल के मुताबिक, कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर 7वें हफ्ते तक दिल्ली में 850 मामले थे। 8वें हफ्ते (पिछले हफ्ते) में 622 केस रिपोर्ट हुए। 7वें हफ्ते तक संक्रमण से 21 लोगों की मौत हुई थी। पिछले हफ्ते 9 लोग मारे गए।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 7वें हफ्ते में 260 लोग ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। 8वें हफ्ते में 580 लोग ठीक होकर घर गए। दिल्ली में 7वें की बजाय 8वां हफ्ता थोड़ा बेहतर रहा। इस दौरान न केवल कम मामले सामने आए, बल्कि मौतें भी कम हुईं और ज्यादा लोग ठीक होकर घर जा पाए।
केंद्र का आदेश
गृह मंत्रालय ने 24 अप्रैल को आदेश जारी कर लॉकडाउन में कुछ रियायत दी थी, लेकिन इस पर भ्रम पैदा होते ही 25 अप्रैल को सफाई भी दी। शनिवार के आदेश में कहा गया कि आज से गांवों और कस्बों में शॉपिंग मॉल, हेयर सैलून और रेस्टोरेंट को छोड़कर बाकी दुकानें खुल सकेंगी। शहरों में सिर्फ रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स, कॉलोनियों के आसपास की दुकानें और स्टैंड-अलोन शॉप्स (अलग-थलग सिर्फ एक दुकान हो) को ही खोलने की इजाजत दी गई है। शराब, सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पहले की तरह हर जगह प्रतिबंधित रहेगी। उन इलाकों में दुकान नही खुलेंगी, जिन्हें कोरोना हॉटस्पॉट माना गया है या कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तें भी रखीं। जैसे- दुकानों में सिर्फ 50 फीसदी स्टाफ के साथ काम होगा। ये सभी लोग मास्क लगाएंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। सभी दुकानें संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड होनी चाहिए।