नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फोर्स सीआरपीएफ की पासिंग आउट सेरेमनी शुक्रवार को पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। इस दौरान, हर बार होने वाली परेड और अफसरों की सलामी भी नहीं हुई। यह सेरेमनी सीआरपीएफ ट्रेनिंग अकादमी कादरपुर में हुई। इसमें फोर्स के महानिदेशक एपी माहेश्वरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही 42 डायरेक्टली अपॉइंटेड गजटेड ऑफिसर्स (डीएजीओएस) को देशसेवा की शपथ दिलाई। कोरोनावायरस के मद्देनजर सभी अफसर मास्क पहने हुए थे। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी भी समारोह में कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। उन्होंने ट्रेनी अफसरों को गृह मंत्री अमित शाह का संदेश पढ़कर सुनाया।
सीढ़ियों पर हुई पीलिंग ऑफ सेरेमनी
सेरेमनी से पहले पूरे हॉल को सैनिटाइज कराया गया। ट्रेनी अफसरों और समारोह में शामिल होने वाले अन्य अफसरों को सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से दूर-दूर बैठाया गया। सीआरपीएफ के डीजी एपी माहेश्वरी ने कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अफसरों को संबोधित किया। इसके बाद फोर्स की रस्म, जिसे अंतिम पग यानी ‘पीलिंग ऑफ’ कहा जाता है, वह भी ऑडिटोरियम की सीढ़ियों पर ही पूरी हुई। पूरे कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यूट्यूब पर हुआ। इसका लिंक प्रत्येक ट्रेनी अफसरों के परिजन से भी शेयर किया गया था, ताकि वे भी इस सेरेमनी का हिस्सा बन सकें।
यूपीएससी से चयनित होने के बाद की ट्रेनिंग
सभी ट्रेनी ऑफिसर्स का चयन संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा के माध्यम से हुआ है। इसके बाद सभी की 52 दिनों की ट्रेनिंग हुई। अब इन्हें असिस्टेंट कमांडेंट्स के पद पर यूनिट्स में तैनात किया जाएगा। पिछले साल फरवरी में इनकी ट्रेनिंग शुरू हो गई थी, लेकिन कोरोनावायरस के चलते पासिंग आउट परेड नहीं हो पाई थी।
डीआईजी ने कहा- देश को ऐसे अफसरों की जरूरत
सीआरपीएफ के पीआरओ डीआईजी मोस दिनकरन ने कहा कि फोर्स की सर्विस शुरू करने के लिए संविधान की शपथ लेना अनिवार्य है। इस कठिन परिस्थिति में देश को ऐसे नौजवानों और ट्रेंड अफसर की जरूरत है। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के मद्देनजर सभी सुरक्षात्मक उपाय अपनाए गए।