महाराष्ट्र के पालघर में जो घटना हुई उसके बाद महाराष्ट्र सरकार निशाने पर है. सोमवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इस मसले पर सफाई दी. उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार किसी को भी नहीं छोड़ेगी, लोग इस मसले को भड़काने की कोशिश ना करें.
उद्धव ठाकरे ने घटना को लेकर कहा कि ये हिंदू-मुस्लिम जैसा कोई मामला नहीं है, इस बारे में मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई है. हर किसी को इस बारे में समझाया गया है कि ये धर्म से जुड़ा मामला नहीं है, लेकिन जो भी सोशल मीडिया के जरिए आग लगाने और मामला भड़काने की कोशिश करेगा उसपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
पालघर में भीड़ ने 3 लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी, तीनों लोगों पर चोरी करने का शक था. इस दौरान वहां पर पुलिसकर्मी भी खड़े थे, लेकिन वो सिर्फ तमाशा देखते रहे. राज्य सरकार की ओर से इस मामले में एक्शन लिया गया है, 100 से अधिक लोग हिरासत में लिए गए हैं जबकि अन्य पर केस भी दर्ज किया गया है.
उद्धव ने कहा कि वो लोग जब सूरत जा रहे थे, तब उन्होंने दादर-नगर हवेली के बॉर्डर पर रोका गया और वापस भेज दिया गया. अगर ऐसा नहीं होता, तो घटना नहीं होती.
चोरी के शक में हुई घटना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव ठाकरे ने कहा कि पालघर के जिस इलाके में ये घटना हुई है, वो काफी दुर्गम इलाका है. ऐसे में ये तीन लोग वहां से गुजरते हुए गुजरात की ओर जा रहे थे, लेकिन वहां पर गांव के लोगों को रात के वक्त कुछ गलतफहमी हुई और उन्हें चोरी का शक लगा. तो हमला किया गया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि यहां कुछ दिनों से चोरों के घूमने की अफवाह है, इसी वजह से गांव वालों ने ऐसा हमला किया. लेकिन गलतफहमी के बावजूद किसी को बख्शा नहीं जाएगा, कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लोगों ने पुलिसवालों पर भी हमला किया है, ऐसे में कड़े से कड़ा एक्शन लिया जाएगा.
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है. साथ ही राज्य सरकार की ओर से उन दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, जिनके थाना क्षेत्र की ये घटना थी. बता दें कि ये मामला 16-17 अप्रैल की रात को पालघर से करीब 100 किलोमीटर दूर गड़चिनचले गांव का है.