लॉकडाउन गाइडलाइंस को लेकर केंद्र सरकार की सख्ती ने केरल सरकार को बैकफुट पर ला दिया है. केरल सरकार अब लॉकडाउन में दी गई छूट पर फिर से विचार विमर्श कर रही है. आज मुख्यमंत्री पिनरई विजयन इस संबंध में ऐलान कर सकते हैं.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन के दूसरे फेज का ऐलान करते हुये ये भी कहा था कि 20 अप्रैल से शर्तों के साथ कुछ छूट दी जाएंगी. पीएम मोदी के इस आह्वान के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से गाइडलाइंस जारी की गईं कि लॉकडाउन में छूट कैसे दी जाये. इन्हीं गाइडलाइंस का पालन करते हुये आज से कुछ राज्यों ने लॉकडाउन में राहत देना शुरू कर दिया है. लेकिन इस प्रक्रिया में केरल सरकार ने केंद्र के दिशा-निर्देशों को दरकिनार करते हुये कुछ ऐसी राहत देने का भी फैसला कर लिया जो MHA की गाइडलाइंस के अनुरूप नहीं थीं.
केरल सरकार ने रेस्टोरेंट में खाना खाने, छोटी दूरियों के लिये बस सर्विस, कार में पिछली सीट पर दो लोगों के बैठने, स्कूटर की पिछली सीट पर बैठने और सैलून जैसी सेवाओं को भी परमिशन दे दी. इस पर केंद्र सरकार ने नाराजगी जताई और गृह मंत्रालय ने केरल सरकार को पत्र लिखकर गाइडलाइंस उल्लंघन की बात कही. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि केरल सरकार ने लॉकडाउन में ऐसी छूट देने का भी फैसला किया है जो 15 अप्रैल को जारी की गईं गाइडलाइंस की अवहेलना करती हैं.
हालांकि, इस पर केरल की तरफ से कहा गया कि उन्होंने केंद्र के हिसाब से लॉकडाउन में छूट दी है. राज्य सरकार के एक मंत्री ने आजतक से बताया था कि केंद्र की गाइलाइंस के अनुरूप ही राहत दी गई हैं और अगर सरकार चाहती है तो इस पर सफाई दी जा सकती है. मंत्री का कहना था कि जब हम अपना पक्ष रखेंगे तो यह मसला हल हो जायेगा.
बहरहाल, केंद्र और राज्य सरकार के बीच इस तकरार में अब केरल सरकार बैकफुट पर दिखाई दे रही है. केरल सरकार के सूत्रों का कहना है कि रेस्टोरेंट में खाना खाने, सैलून और स्कूटर पर दो लोगों के बैठने जैसी राहत पर फिर से विचार किया जा रहा है. यानी ये छूट खत्म की जा सकती हैं और सोमवार शाम को होने वाली केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान भी किया जा सकता है.
बता दें कि आज यानी 20 अप्रैल से ही ऐसे इलाकों में लॉकडाउन से राहत दी जा रही है जहां कोरोना का असर नहीं है. इसी कड़ी में केरल सरकार ने भी लॉकडाउन में राहत का ऐलान किया था, लेकिन उसके फैसले केंद्र की गाइडलाइंस के खिलाफ थे, जिस पर केंद्र सरकार ने सख्ती दिखाई. एक और गौर करने वाली बात ये है कि केरल वो राज्य है जहां देश में सबसे पहले कोरोना के मरीज सामने आये थे.