नई दिल्ली. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) का कहना है कि ग्लोबल इकोनॉमी का कोविड-19 के असर से पूरी तरह उबरना 2021 के आखिर तक भी मुश्किल लग रहा है। आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने सीएनबीसी के कार्यक्रम में कहा कि 2021 में ग्लोबल ग्रोथ 5.8% रहने का अनुमान है लेकिन, यह पूरी रिकवरी नहीं होगी। सरकारें, केंद्रीय बैंक इकोनॉमी के लिए पैकेज घोषित कर रहीं आईएमएफ ने इससे पहले कहा था कि ग्लोबल इकोनॉमी में इस साल 3% गिरावट की आशंका है। दुनियाभर में कोविड-19 का संक्रमण फैलने की वजह से कारोबार बंद हैं। आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं। दुनियाभर की सरकारें और केंद्रीय बैंक उद्योगों और आम लोगों को इस संकट से उबारने की कोशिशों में जुटी हैं। विकासशील देशों की ज्यादा फिक्र: आईएमएफ गीता गोपीनाथ का कहना है कि दुनियाभर में 8 ट्रिलियन डॉलर (600 लाख करोड़ रुपए) के राहत पैकेज घोषित किए जा चुके हैं। उनका कहना है कि राहत पैकेज की राशि का अनुपात बराबर नहीं है। 7 ट्रिलियन डॉलर के ऐलान जी-20 देशों की ओर से किए गए हैं। विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों को लेकर ज्यादा चिंता है क्योंकि, उनके पास वित्तीय संसाधन सीमित हैं।