कोरोना से और बेहतर ढ़ंग से निपटने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. पहले यह लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म हो रहा था, इसीलिए इसे लॉकडाउन टू कहा जा रहा है. पीएम मोदी द्वारा लॉकडाउन- 2 की घोषणा किए जाने के बाद देश के कुछ इलाकों में प्रवासी लोग अपने घरों को जाने के लिए भीड़ के रूप में सड़कों पर भी नजर आए और इस पर सियासत भी खूब हुई. लेकिन लॉकडाउन टू के समर्थन में वाराणसी के लोग अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं और अब तो बाकायदा गरीबों-जरूरतमंदों में बांटने के लिए लॉकडाउन टू की पूड़ियां भी तली जा रही हैं.
यूं तो लॉकडाउन की शुरुआत से वाराणसी के गोला इलाके में गरीब-जरूरतमंदों के लिए रोजाना हजारों खाने के डिब्बे तैयार होते रहे हैं, लेकिन जब से लॉकडाउन टू की शुरुआत हुई है तब से इस रसोई में अलग जोश और लॉकडाउन टू का समर्थन दिखाई दे रहा है. वाराणसी का यह किचन अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री के फैसले के साथ दिख रहा है.
इसी समर्थन को जाहिर करने के लिए केसरवानी समाज के युवाओं ने अनूठा तरीका खोज निकाला है. ये लोग पूड़ियों पर ही केसरिया रंग से लॉकडाउन टू लिख रहें हैं. उसके बाद इन हजारों लॉकडाउन टू लिखी पूड़ियों को तलकर गरीब-जरूरतमंदों के लिए सब्जी के साथ डिब्बों में पैक भी कर रहे हैं.
फूड पैकेट में भेजी जा रहीं पूड़ियां
इस बारे में और जानकारी देते हुए अखिल भारतीय केसरवानी वैश्य युवक सभा के अध्यक्ष संदीप केसरी ने बताया कि लॉकडाउन टू लिखकर पूड़ियों को तैयार करके इसलिए पैक किया जा रहा है, क्योंकि वे और उनका केसरवानी समाज अपने काशी के सांसद और देश के पीएम मोदी के लॉकडाउन टू के फैसले के साथ है.
उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी की ही प्रेरणा से केसरिया रंग से लिखकर तैयार की गईं इन विशेष पूड़ियों को लॉकडाउन टू के पूरे फेज में बांटते रहेंगे. उन्होंने आगे बताया कि काशी से लॉकडाउन टू का दिया गया यह संदेश पूरे देश और दुनिया तक पहुंचेगा, क्योंकि लॉकडाउन टू की जरूरत पूरे देश को है.
केसरवानी वैश्य युवक सभा के अध्यक्ष संदीप केसरी ने आगे बताया कि पहले लॉकडाउन की शुरुआत से ही उनका किचन गरीबों के लिए शुरू हुआ. जहां से रोजाना हजारों खाने के डिब्बों को तैयार करके गरीबों में बांटा जाना जारी है, जिसके बाद प्रदेश के अलग-अलग कोने में लोगों ने किचन की शुरुआत की.