राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्रीय प्रचारक रहे निंबाराम सहित 4 लोगों के खिलाफ एसीबी ने भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। जयपुर ग्रेटर नगर निगम में सफाई कंपनी बीवीजी के बिल पास करने की एवज में 20 करोड़ रुपए की रिश्वत की लेनदेन की बातचीत के वीडियो के आधार पर एसीबी ने यह कार्रवाई की है।
जल्द एसीबी निंबाराम को पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी कर रही है। निंबाराम को पूछताछ के बाद गिरफ्तार भी किया जा सकता है। राजस्थान में यह पहला मौका है जब आरएसएस के किसी प्रचारक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में एसीबी ने केस दर्ज किया है।
निलंबित मेयर उनके पति भी आरोपी
बीवीजी रिश्वत कांड में जयपुर ग्रेटर की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर और बीवीजी कंपनी के दो प्रतिनिधियों के साथ निंबाराम को भी आरोपी बनाया गया है। राजाराम को एसीबी गिरफ्तार कर चुकी है। पिछले दिनों दो वीडियो वायरल हुए थे, जिसमें सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर, बीवीजी कंपनी प्रतिनिधि संदीप चौधरी और निंबाराम दिखाई दे रहे हैं।
इन वीडियो में बिल पास करने के एवज में 20 करोड़ के लेनदेन की बात है। रिश्वत की इस पूरी बातचीत के वक्त निंबाराम भी वीडियो में दिख रहे हैं, और बराबर बातचीत कर रहे हैं। घूसकांड के बारे में बातचीत के दो वायरल वीडियो में निंबाराम दिख रहे हैं। इन वीडियो के आधार पर ही निंबाराम को भी केस में एसीबी ने आरोपी बनाया है।
10% कमीशन पर हो रही थी बातचीत
वायरल वीडियो में सौम्या गुर्जर के पति राजाराम और आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम दिख रहे हैं। राजाराम और बीवीजी कंपनी का प्रतिनिधि बकाया पेमेंट के बदले 10 फीसदी कमिशन पर बात करते हैं। उस वक्त निंबाराम भी बीच-बीच में हस्तक्षेप करते हैं। निंबाराम एक जगह कह रहे हैं ये पुराने स्टेटमेंट बोल रहे हैं।
राजाराम और बीवीजी कंपनी प्रतिनिधि संदीप चौधरी पेमेंट और उसके बदले कमिशन पर बात कर रहे हैं। इस पर बीच में निंबाराम राजाराम से कहते हैं- वो तो हो गया है, आपके पार्षद, समितियों के अध्यक्ष वो इन्हें जाकर ब्लैकमेल करेंगे, तो ये क्या करेंगे आप इसमें मत पड़ो, ये जाने इनका काम जाने। जब राजाराम कहता है कि ये सब काम कराने में एक्सपर्ट है तो निंबाराम कंपनी का पक्ष लेते हुए राजाराम से कहते हैं, ये क्या करेंगे इन्हें तो काम कराना है शांति से चलना है।
आरएसएस के लिए शर्मिंदगी का कारण बना यह कांड
बीवीजी रिश्वतकांड की आंच आरएसएस तकपहुंच गई है। निंबाराम के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में एफआईआर दर्ज होने के बाद सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं। आज तक किसी आरएसएस प्रचारक को इस तरह किसी लेनदेन की बातचीत में मध्यस्थता करते हुए नहीं देखा था, निंबाराम के मामले में यह मिथक टूट गया। अब तक ईमानदारी के लिए पहचाने जाने वाले आरएसएस प्रचारकों की छवि भी इस कांड से प्रभावित हुई है।
कांग्रेस को आरएसएस को घेरने का मिला मुद्दा
निंबाराम के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में केस दर्ज होने से अब कांग्रेस को आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। कांग्रेस अब भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी और आरएसएस को घेरेगी, क्योंकि उसे एसीबी केस का आधार मिल गया है।
निंबाराम पर गिरफ्तारी की तलवार
निंबाराम को एसीबी ने भ्रष्टाचार के केस में आरोपी बनाया है,अब उनसे पूछताछ हेागी। पूछताछ के बाद एसीबी निंबाराम को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। मामले में चार आरोपी हैं जिनमें से राजाराम गिरफ्तार हो चुके हैं, अब निंबाराम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
आरएसएस की यूनिफॉर्म में हाफ पेंट की जगह पेंट करने के ट्रायल में निंबाराम शामिल थे
आरएसएस की यूनिफार्म में बदलाव की शुरुआत निंबाराम से ही की गई थी। नागौर में में हुई संघ की बैठक में आरएसएस की यूनिफार्म के बदलाव का ट्रायल किया गया था, निंबाराम भी उनमें शामिल थे। निंबाराम को पेंट पहनाकर ट्रायल हुआ था, इसके बाद आरएसएस की यूनिफार्म में पेंट शामिल की गई थी।