नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के सतना के रामलोटन कुशवाहा का जिक्र किया और बताया कि रामलोटन जी ने अपने खेत में देशी म्यूजियम बनाया है. इस म्यूजियम में उन्होंने सैकड़ों औषधीय पौधों और बीजों का संग्रह किया है. पीएम मोदी ने कहा कि रामलोटन कुशवाहा का काम बहुत सराहनीय है.
जानिए कौन हैं रामलोटन कुशवाहा
सतना जिले के उचेहरा ब्लॉक के गांव अतरवेदिया में रहने वाले राम लोटन कुशवाहा (64 वर्ष) ने अपने गांव में एक बीघे के खेत में औषधीय गुणों से भरी जड़ी-बूटियों का संरक्षण करते हैं. रामलोटन कुशवाहा के खेत में करीब 250 दुर्लभ औषधियां मौजूद हैं. इनमें 12 प्रकार की लौकियां और गाय के मुंह के आकार का बैगन भी शामिल है.
ये दुर्लभ जड़ी बूटियां खेत में उगाई
कुशवाहा के खेत में सिंदूर, अजवाइन, शक्कर पत्ती, जंगली पालक, जंगली धनिया, जंगली मिर्च के अलावा गौमुख बैगन, सुई धागा, हांथी पंजा, बालम खीरा, पिपरमिंट, गरुड़, सोनचट्टा, सफेद और काली मूसली, अश्वगंधा जैसी तमाम दुर्लभ औषधियों वाली जड़ी बूटियां हैं. कुशवाहा को इन विलुप्त होती जड़ी बूटियों को बचाने का इतना शौक है कि वह हिमालय से ब्राह्मी ले आए. इन जड़ी बूटियों को लाने के लिए रामलोटन कुशवाहा काफी जंगलों में भटके हैं.
आयुर्वेद के प्रति है अनुराग
गांव कनेक्शन की खबर के अनुसार, रामलोटन कुशवाहा को आयुर्वेद से काफी प्रेम है. रामलोटन बताते हैं कि बैगाओं (जंगल में रहने वाली जनजाति) से उन्हें इन जड़ी बूटियों का ज्ञान मिला. रामलोटन कुशवाहा का कहना है कि जानवरों से उनके जड़ी बूटी के खेत को काफी नुकसान पहुंचता है. उन्होंने अपील की कि सरकार उनके खेत की तारबंदी करा दे, जिससे इस नुकसान को रोका जा सके.