राजस्थान के अजमेर जिले के बिलिया गांव में ढोंगी बाबा शोभाराम ने लोगों को अपने झांसे में लेकर मंदिर में ही नहीं बल्कि लोगों के घर जाकर भी झूठे चमत्कार दिखाकर लाखों रुपए हड़प लिए। यहां भी उसने कलश और कट्टों को रुपयों से भरने के चमत्कार दिखाए और करोड़पति बनाने तक का दावा किया।
इसी झांसे में आकर कई लोगों ने अपनी जीवन भर की कमाई गवां दी। लोग शोभाराम पर विश्वास करें इसलिए जिन कमरों में वह कलश बांधता उसमें कच्छा पहनकर जाता, ताकि लोगों के मन में यकीन हो सके कि बाबाजी तो कपड़े तक उतार लेते हैं, और धन तो घर में ही है।
अब जब वह पकड़ा गया तो लोगों ने कमरों को खोल वहां रखे कलश और कट्टे देखे तो चौंक गए। जिन कट्टों में रुपए की गडि्डयां डाली गई थीं, उनमें कपड़े निकल रहे हैं। कलश में भी रखे लाखों रुपए और सोने के जेवरात गायब हैं।
ठगी का शिकार हुआ एक परिवार खाली कलश दिखाते हुए।
जिस परिवार के घर जाता वहां रिश्तेदारों को भी झांसे में ले लेता था
दैनिक भास्कर की टीम जब पीड़ितों से मिली तो ढोंगी शोभाराम का काला सच सामने आया। शोभाराम ने लोगों को 3 लाख के 1 करोड़ रुपए तक करने का झांसा दिया। जिस परिवार में यह जाता उनके 10 से 15 रिश्तेदारों को भी वह अपने झांसे में ले लेता था। इसके लालच में आकर कई लोग कर्ज लेकर रुपए लेकर आए और अब यह हालात ये हैं कि वे करोड़पति बनने की बजाय कर्ज में डूब गए हैं।
बेटे की शादी धूमधाम से करने के लालच में फंसे व्यक्ति की कहानी
बिलिया निवासी रामचन्द्र बैरवा ने बताया कि उसने शोभाराम के चक्कर में आकर तीन लाख छह हजार नकद और पांच तोला सोना गंवा दिया। इसमें से डेढ़ लाख रुपए वह 24% ब्याज पर लेकर आया था। दीपावली के बाद बेटे की शादी है। सोचा कि 3 लाख के 1 करोड़ हो जाएंगे तो शादी बड़ी धूमधाम से करूंगा।
वह बताते हैं, '21 फरवरी को शाम 5 बजे शोभाराम उसके घर आया और कहा कि तू मेरा मिलने वाला है और मैं तुझे व तेरे रिश्तेदारों को मालामाल कर दूंगा। यह कहकर तांत्रिक क्रियाएं करने लगा। उसने अपने कपड़े उतार दिए और टॉवल लपेटकर बैठ गया। मिट्टी का कलश मंगवाया और फिर लाल कपड़ा ढंककर उसमें से 50 हजार रुपए निकाल दिए। शोभाराम ने कहा कि तू इसमें जितने पैसे डालेगा, उसमें डबल या चार गुना हो जाएंगे। यदि तेरे परिवार व रिश्तेदार भी आएंगे तो 1 करोड़ 11 लाख रुपए कर दूंगा।'
रामचन्द्र ने आगे बताया, 'उसकी बातों में आकर मैंने 3 लाख 6 हजार रुपए और पांच तोला सोना भी दे दिया। उसने एक कमरे में इसे रख ताला लगा दिया और कहा कि तीन महीने बाद आऊंगा और तब 1 करोड़ 11 लाख रुपए ले लेना। साथ में बोला कि कमरे में किसी को जाने मत देना। बाबा जब पकड़ा गया तो मैंने वहां जाकर देखा तो मुझे खाली कलश मिला। मेरे रुपए और सोने के जेवरात सब गायब थे।'
बाबा के पकड़े जाने के बाद देखा तो कलश में से निकले कपड़े
बिलिया निवासी सुखलाल गुर्जर ने बताया कि देवजी के स्थान पर वह ढोंगी बाबा शोभराम के संपर्क में आया था। उसने कहा कि 51 हजार दो, कलश बांधूंगा, लाखों हो जाएंगे। एक दिन वह घर आया और मिट्टी का कलश मंगवाया, उस पर हाथ घुमाया और उसमें 500-500 के नोट निकले और इसके बाद रुपए से कट्टा भर दिया। उसने हमें वह कट्टा भी दिखाया और बोला कुछ दिनों बाद गिना दूंगा।
फिर जंगल गए तो वहां गड्ढा खोद सोने की सिल्ली निकाली और उसे भी कमरे में रखने को बोला। समय आने पर उसे खोलकर देने के लिए बोला, लेकिन वह समय कभी नहीं आया। जब उसे बोलते तो कहता अगर मेरी अनुपस्थिति में कमरा खोला तो आपको रेड़िया देवजी की सौगंध। माया कोयला हो जाएगा और सांप भी आ जाएगा। इसके बाद जब पकड़ा गया तो कमरा खोल कर देखा तो वहां कुछ नहीं मिला। जिन कट्टों से रुपए निकाले उनमें से कपड़े निकले।
कच्छा पहन कमरे में घुसता, पूजा में रखी तांबे की कटोरी भी नहीं छोड़ी
ऐसे बाबा अपने आप पर साहूकार और देवता की छाया होने का दावा करता। लोग उस पर विश्वास करें इसके लिए कच्छा पहनकर कमरे में जाता और कलश बांधता। लेकिन, जब ठगे हुए लोगों ने कमरे में जाकर देखा तो पता चला बाबा ने पूजा के लिए रखे बर्तनों तक को नहीं छोड़ा। तांबे की कटोरी समेत दूसरा सामान तक वह पार कर ले गया।
सुखाराम ने 15 से 20 रिश्तेदारों के भी पैसे लगा दिए
सुखराम ने बताया कि उसके खुद के 3 लाख रुपए लगाए थे। एक लाख रुपए अलग से उधार भी ले गया। छह तोला सोना भी ले गया। इसके अलावा चारों भाई व एक बहन सहित अन्य पन्द्रह बीस रिश्तेदारों के पैसे लगाए हुए थे। उनके घर पर भी कलश बांधा था।