नई दिल्ली. देश में कोरोना महामारी फैली हुई है। कई बीमा कंपनियों ने इस बीमारी को कवर करने वाले टर्म प्लान लॉन्च किए हैं। भारत सरकार भी अपने नागरिकों के लिए कई तरह की योजनाओं के माध्यम से बीमा उपलब्ध कराती है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) इन्ही योजनाओं में से एक है। इसके तहत टर्म इंश्योरेंस प्लान उपलब्ध कराया जाता है। इसमें निवेश के बाद अगर व्यक्ति की मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को 2 लाख रुपए मिलते हैं। यह स्कीम मई 2015 को शुरू की गई थी। हम आपको इस स्कीम के बारे में बता रहे हैं।
इस तरह ले सकते हैं लाभ
- 18 से 50 साल का कोई भी व्यक्ति इस स्कीम का फायदा ले सकता है। संबंधित व्यक्ति का बैंक अकाउंट होना चाहिए। पॉलिसी होल्डर को 330 रुपए सालाना जमा करना होते हैं। यह अमाउंट संबंधित व्यक्ति के बैंक अकाउंट से हर साल सीधे डिडक्ट हो जाएगा। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 2 लाख रुपए तक का प्रावधान है।
- 1 जून से 31 मई इसका कवर पीरियड होता है। इसका मतलब यह हुआ कि PMJJBY पॉलिसी किसी भी तारीख को खरीदी गयी हो, पहले साल के लिए उसका कवरेज अगले साल 31 मई तक ही होगा। इसमें रिस्क कवर स्कीम में इनरोलमेंट करवाने के 45 दिन बाद ही लिया मिलता है।
- यह स्कीम एलआईसी के साथ ही दूसरी प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के जरिए चलाई संचालित की जाती है। व्यक्ति अपने बैंक में जाकर भी जानकारी ले सकता है, कई बैंकों के इंश्योरेंस कंपनियों के साथ टाइअप हैं।
- आप http://www.jansuraksha.gov.in इस वेबसाइट के जरिए इसका फॉर्म डाउनलोड कर डिटेल भरकर बैंक या इंश्योरेंस कंपनी में जमा कर सकते हैं। अगर किसी अकाउंट होल्डर का एक से अधिक बैंक में सेविंग अकाउंट है तो भी वह केवल एक ही बार इंश्योरेंस का लाभ ले सकेगा।
- नॉमिनी को उस बैंक में क्लेम करना होगा, जहां संबंधित व्यक्ति का इंश्योरेंस था। डेथ सर्टिफिकेट जमा करना होगा। डिस्चार्ज रिसिप्ट के साथ ही दूसरे जरूरी डॉक्युमेंट्स देना होंगे।
- इस योजना के लिए फॉर्म अलग-अलग भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। इनमें अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, बांग्ला, कन्नड़, ओडिया, मराठी, तेलुगू और तमिल शामिल हैं।
- इसमें बीमा खरीदने के लिए किसी मेडिकल जांच की जरूरत नहीं है। आपके बैंक खाते से प्रीमियम की रकम काटे जाने के दिन से ही आपको इसकी सुविधा मिलने लगेगी।
टर्म प्लान का मतलब क्या है?
टर्म प्लान में पॉलिसीधारक की मौत होने पर ही बीमा कंपनी इंश्योरेंस की रकम का भुगतान करती है। अगर पॉलिसी लेने वाला व्यक्ति समय पूरा होने के बाद भी ठीक-ठाक रहता है तो उसे कोई लाभ नहीं मिलता।