कोरोना के खिलाफ चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में सोमवार को नया रिकॉर्ड बना। बीते 24 घंटे में देश में 86.16 लाख से ज्यादा डोज दिए गए। इससे पहले 5 अप्रैल को एक दिन में सबसे ज्यादा 43 लाख से डोज दिए गए थे। यानी, नया रिकॉर्ड पुराने से दोगुना है। इतना ही नहीं ये विश्व रिकॉर्ड है, क्योंकि अब तक दुनिया का कोई भी देश एक दिन में 55 लाख से ज्यादा टीके नहीं लगा पाया था। हालांकि, चीन रोज दो करोड़ टीके लगाने का दावा करता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी इस दावे को सही नहीं मानती।
खास बात यह रही कि टीके लगवाने वालों में 74%, यानी 61.3 लाख लोग 18 से 44 साल तक के हैं। अगर कुल वैक्सीन डोज की बात करें तो देशभर में अब तक 28.87 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। इनमें से 5.20 करोड़ लोग ऐसे हैं जो पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुके हैं।
आखिर ऐसा क्यों हुआ? किन राज्यों में इस दौरान सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज दिए गए? क्या पहले वैक्सीनेशन से जुड़ा कोई कैंपन सरकार चलाया था, उसका क्या? भारत के अलावा दुनिया में एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन का क्या आंकड़ा है? अगर देश में सोमवार जैसी रफ्तार से वैक्सीनेशन होने लगे तो हम कब तक पूरी तरह वैक्सीनेट हो जाएंगे? आइये समझते हैं…
इस रिकॉर्ड के पीछे क्या है वजह?
दरअसल, 21 जून से केंद्र ने 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को फ्री वैक्सीनेशन की शुरुआत की। राज्यों को 18 से 45 तक की उम्र के लोगों के लिए जो वैक्सीन खरीदनी पड़ रही थी उसे भी केंद्र ने सोमवार से देना शुरू किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जून को इसका ऐलान किया था। केंद्र के इस कदम को सफल बनाने के लिए राज्यों, खासतौर पर भाजपा शासित राज्यों, ने सोमवार से टीकाकरण महाअभियान शुरू करने का ऐलान किया। इस महाअभियान के तहत ही सोमवार को रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हुआ है।
किन राज्यों में इस दौरान सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज दिए गए?
मध्य प्रदेश में सोमवार को सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन हुआ। राज्य ने सोमवार के लिए 13 लाख 13 हजार वैक्सीन डोज लगाने का टारगेट रखा था। मंगलवार सुबह 7 बजे तक के आंकड़े में यहां टारगेट से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी थी। सोमवार को यहां कुल 16.70 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन डोज लगाई गई।
मध्य प्रदेश के बाद कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन हुआ। खास बात ये है कि ये सभी राज्य भाजपा शासित हैं। देशभर में सात राज्य ऐसे रहे जहां सोमवार को 4 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन डोज दी गई। इनमें बिहार और राजस्थान भी शामिल हैं। 4 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाने वाले राज्यों में राजस्थान अकेला गैर NDA शासित राज्य है।
क्या पहले वैक्सीनेशन से जुड़ा कोई कैंपेन सरकार ने नहीं चलाया?
अप्रैल की शुरुआत में देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए आंकड़ों के बीच प्रधानमंत्री ने टीका उत्सव मनाने की अपील की। PM ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा, ''11 अप्रैल को ज्योतिबा फुले और 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जन्म जयंती है, उस बीच हम सभी टीका उत्सव मनाएं।''
उस समय 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही थी, लेकिन ये टीका उत्सव फ्लॉप रहा। किसी भी दिन 5 अप्रैल को बिना किसी कैंपेन के बने रिकॉर्ड 43 लाख वैक्सीनेशन का भी आंकड़ा नहीं पहुंच सका। चार दिन के इस उत्सव के पहले दिन 29,33,418 वैक्सीन डोज लगे। वहीं, दूसरे दिन 40,04,521 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। 13 अप्रैल को 26,46,528 और 14 अप्रैल को 33,13,848 लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई। चार दिन के उत्सव के दौरान कुल 1,28,98,314 वैक्सीन डोज दी गईं।
टीका उत्सव में क्यों नहीं बढ़ी वैक्सीनेशन की रफ्तार?
जब देश में टीका उत्सव लॉन्च किया गया उससे पहले ही कई राज्य वैक्सीन की कमी की बात कह रहे थे। पंजाब, दिल्ली जैसे कई राज्यों ने इस दौरान पर्याप्त वैक्सीन स्टॉक नहीं होने की शिकायत की। वैक्सीन की कमी के बीच टीका उत्सव मनाने के केंद्र के फैसले की राहुल गांधी ने आलोचना की।
राहुल ने ट्वीट करके कहा कि राज्यों में वैक्सीन की कमी है ऐसे में उत्सव कैसे मनाया जा सकता है। उन्होंने वैक्सीन डिप्लोमैसी के तहत एक्सपोर्ट की जा रही वैक्सीन पर भी सवाल उठाया। इसके बाद ही वैक्सीन एक्सपोर्ट करने पर केंद्र को सफाई तक देनी पड़ी।
भारत के अलावा दुनिया में एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन का क्या आंकड़ा है?
भारत में सोमवार को भले रिकॉर्ड बना हो, लेकिन चीन में रोजाना औसतन करीब दो करोड़ लोगों को वैक्सीन डोज दी रही है। हालांकि, ब्लूमबर्ग के अलावा दुनिया की कोई दूसरी बड़ी एजेंसी चीन के इस डेटा को सही नहीं मानती और ना ही उसे रिपोर्ट करती है। औसत के लिहाज से देखें तो भारत में रोजाना औसतन 34 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा रही है। वहीं, यूरोपियन यूनियन में रोजाना 38 लाख से ज्यादा डोज दी जा रही है।
अगर देश में सोमवार जैसी रफ्तार से वैक्सीनेशन होने लगे तो हम कब तक पूरी तरह वैक्सीनेट हो जाएंगे?
सोमवार की तरह अगर रोज 86 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज लगाई जाए तो देश की 18 साल से अधिक 95 करोड़ की आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट करने के लिए करीब साढ़े छह महीने और लगेंगे। यानी, अगर सोमवार को शुरू हुए महाअभियान की तरह हर दिन वैक्सीनेशन हो तो जनवरी की शुरुआत तक 18 साल से अधिक उम्र की देश की पूरी आबादी वैक्सीनेट हो जाएगी।
देश में अब तक 28 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी गईं
भारत में 16 जनवरी को हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगाने के साथ कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन लगने लगी थी। 1 मार्च 60 वर्ष से ऊपर के और 45-59 वर्ष के गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन लगने लगी थी। इस बीच, कोरोना की दूसरी लहर हावी हुई और सरकार ने 1 अप्रैल से 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीनेशन में शामिल कर लिया।
अब तक सबसे ज्यादा वैक्सीन डोज 5 अप्रैल को दिए गए थे। उस दिन 24 घंटे में 43 लाख डोज दिए गए। 77 दिन बाद सोमवार को ये रिकॉर्ड टूट गया। अगर कुल वैक्सीन डोज की बात करें तो देशभर में अब तक 28.87 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। इनमें से 5.20 करोड़ लोग ऐसे हैं जो पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुके हैं।