जम्मू-कश्मीर के केरन सेक्टर के पास नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक आतंकवादियों के लॉन्च पैड पर बीते 10 अप्रैल को भारतीय सेना के आर्टिलरी हमले में 8 आतंकी और 15 पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए हैं। घटना के जुड़े दो सुरक्षा अधिकारियों ने हिन्दुस्तान टाइम्स को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने कहा कि यह पाकिस्तान के लिए एक संदेश था कि गलतियों का नतीजा भुगतना होगा। पाकिस्तान के संघर्षविराम उल्लंघन का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने किशनगंगा नदी के किनारे दुधनियाल को निशान बनाया था, जहां आतंकवादियों के लॉन्च पैड थे। यह हमला पहाड़ों पर बसे केरन सेक्टर से किया गया, जहां 5 अप्रैल को भारतीय सेना के स्पेशल कमांडो ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया था।
घटना की जानकारी रखने वाले ने बताया कि इस पांच आतंकवादियों में से 3 जम्मू-कश्मीर से थे, जबकि अन्य 2 की ट्रेनिंग जैश-ए-मोहम्मद के साथ हुई है। हालांकि उनकी पहचान के लिए और कोशिशें जारी हैं। पाकिस्तानी सेना ने भी पुष्टि की है कि भारतीय सेना ने एलओसी से सटे शारदा, दुधनियाल और शाहकोट सेक्टर में गोलीबारी की है, लेकिन उन्होंने सिर्फ चार नागरिकों के गंभीर तौर पर घायल होने की बात कही है, जिसमें एक 15 साल की लड़की भी शामिल है। इतना ही नहीं, इस्लामाबाद ने यह भी आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने इस साल अब तक 708 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है और इस कार्रवाई में 2 नागरिक मारे गए, जबकि 42 अन्य जख्मी हुए हैं।
वहीं, जम्मू एवं कश्मीर के पुंछ जिले में रविवार (12 अप्रैल) को पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर गोलीबारी कर संघर्षविराम का उल्लंघन किया। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल देवेंद्र आनंद ने आईएएनएस से कहा, “पाकिस्तान ने अपराह्न लगभग 1.40 बजे पुंछ जिले के किरनी और कस्बा सेक्टरों में मोर्टार सहित छोटे हथियारों से अकारण गोलीबारी कर संघर्षविराम का उल्लंघन किया। भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई कर रही है।” पाकिस्तानी सेना ने शनिवार को भी पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में अकारण गोलीबारी की थी।