गुजरात से बाराबंकी लौटे बुजुर्ग को 21 दिन से क्वारैंटाइन में रखा था; किसी ने नहीं ली सुध, मौत के बाद शव पर कीड़े रेंगने लगे

Posted By: Himmat Jaithwar
4/12/2020

बाराबंकी . उत्तर प्रदेश में कोरोना से लड़ाई के लिए योगी सरकार के दावों की पोल खुल गई। बाराबंकी जिले में होम क्वारैंटाइन में ही बुजुर्ग (82 साल) ने दम तोड़ दिया। दुर्गंध आने पर गांववालों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद रविवार को जब अधिकारी मौके पर पहुंचे तो शव पूरी तरह से सड़ चुका था और उस पर कीड़े रेंग रहे थे। प्रशासन ने आनन-फानन में शव को दफन कराया। उसके कोरोना सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। हालांकि, एहतियातन पूरे गांव को सील कर सैनिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया गया है।

बुजुर्ग मार्च में गुजरात से अपने गांव बढ़नापुर लौटा था। इसके बाद 22 मार्च को प्रशासन ने उसे होम क्वारैंटाइन कर दिया था। फिर आशा कार्यकर्ता ने 4 अप्रैल को घर के बाहर दूसरा नोटिस चस्पा कर दिया। जिसमें लिखा था कि कोई भी इस घर में प्रवेश न करे। यह कोरोना संदिग्ध का घर है। इसके बाद प्रशासन की ओर से किसी ने उसकी सुध नहीं ली। बुजुर्ग का परिवार गुजरात में है। घर में अकेले होने के कारण वह खुद ही खाना बनाता था।

प्रधान के पति बोले- काम में उलझा था, ध्यान नहीं दे पाया
आशा वर्कर का कहना है कि 22 मार्च को क्वारैंटाइन किए जाने के वक्त वह बुजुर्ग के घर आई थी। उसके बाद 4 अप्रैल को नोटिस चस्पा करने आई थी। इस दौरान उन्हें किसी अनहोनी की भनक भी नहीं लगी। ग्राम प्रधान के पति महेन्द्र वर्मा ने कहा- मृतक अपने पोते के साथ गुजरात से गांव आया था, जो बाराबंकी शहर में रहता है। 1 अप्रैल को बुजुर्ग राशन और 4 अप्रैल को डॉक्टर से दवा भी लेकर आया था। वह अस्मा का मरीज भी था। मौत कब हुई किसी को इसकी जानकारी नहीं है। वर्मा ने अपनी लापरवाही मानते हुए कहा कि मैं कई दिनों से दूसरे कामों में उलझा था, इसलिए बुजुर्ग पर ध्यान नहीं दे पाया।

सीएमओ ने दिया गैर-जिम्मेदाराना जवाब
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमेश चन्द्रा ने कहा- शायद आशा वर्कर बुजुर्ग के घर के बाहर से लौटकर आ जाती होगी। कीड़े पड़ने के लक्षणों के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। बुजुर्ग में कोरोना के लक्षण नहीं थे, फिर भी हमने सैम्पल लेकर भेज दिया है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कह पाना संभव होगा। होम क्वारैंटाइन का अर्थ यह नहीं है कि हम रोज देखने जाएं। इसमें हमें सिर्फ इतना देखना होता है कि संदिग्ध 14 दिनों तक किसी से मिले न और घर से बाहर न निकले।



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