फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन स्टारर 'शेरनी' का आज वर्ल्ड प्रीमियर है। फिल्म 'शेरनी' को मध्यप्रदेश के वास्तविक और मनोहारी जंगलों, कान्हा नेशनल पार्क, रायसेन के भूत पलासी और बालाघाट के आसपास के क्षेत्रों में शूट किया गया है। फिल्म 'शेरनी' का वर्ल्ड प्रीमियर 18 जून को 240 से अधिक देशों में रिलीज होगा। प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश की नैसर्गिक सुंदरता से पर्यटकों को रू-ब-रू कराने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड, 'शेरनी' फिल्म के निर्माताओं के साथ मार्केटिंग और प्रमोशन कैंपेन में भागीदारी कर रहा है। सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया में हैशटैग #MPKiSherni के साथ फिल्म का प्रमोशन किया जा रहा है।
विद्या ने कहा- लाइव शूटिंग जीवन भर का अनुभव
फिल्म 'शेरनी' में मुख्य किरदार निभा रही अभिनेत्री विद्या बालन ने मध्यप्रदेश में शूटिंग के अनुभवों को साझा किया है। उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश के जंगलों में वास्तविक और लाइव स्थानों पर फिल्म की शूटिंग करना मेरे लिए जीवन-भर का अनुभव रहा है। मध्यप्रदेश की नैसर्गिक सुंदरता और विरासत ने फिल्म की कहानी को एकदम सही पृष्ठभूमि प्रदान की है। उम्मीद है कि फिल्म को देखना दर्शकों के लिए एक अनूठा अनुभव होगा। उन्होंने बताया कि उन्हें मध्यप्रदेश में शूटिंग करने में उन्हें बहुत मजा आया और यहां के लोगों के मिलनसार व्यवहार ने इसे और भी खास बना दिया।
प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि जब से हमने पहली बार 'शेरनी' की कहानी सुनी थी, तब से हम जानते थे कि यह मध्यप्रदेश के जंगलों की सुंदरता और विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का उपयुक्त वाहक होगा। फिल्म 'शेरनी' अब न केवल हमारे राज्य की सुंदरता को दुनिया के सामने लाएगी, बल्कि वेलनेस टूरिज्म, आदिवासी कला और संस्कृति, हस्तशिल्प और मध्यप्रदेश की विभिन्न अनूठी पहलों की ओर भी ध्यान आकर्षित करेगी। दुनिया को मध्यप्रदेश के अद्भुत जंगलों और फिल्मकारों द्वारा पेश किए जाने वाले अनुभवों को देखने का पहली बार मौका मिलेगा।
विद्या वन अधिकारी की भूमिका में रहेंगी
प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि फिल्म 'शेरनी' मानव जाति और जानवरों के बीच संघर्ष के जटिल मुद्दों की खोज करती है। फिल्म में अभिनेत्री विद्या बालन एक मध्य स्तरीय वन अधिकारी की भूमिका निभा रही है, जो कई बाधाओं और सामाजिक दबावों के बावजूद भी अपनी टीम और स्थानीय सहयोगियों के साथ पर्यावरण में संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष करती है। फिल्म एक संवेदनशील विषय से संबंधित है, जो न केवल मानव-पशु के बीच बल्कि मनुष्य के बीच भी सम्मान, आपसी समझ और सहअस्तित्व के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं।