भारत से नाराजगी जताने के चक्कर में पाकिस्तान सरकार ने अपने देश के क्रिकेट-प्रेमियों को सजा दे दी। 8 जुलाई से इंग्लैंड में होने जा रही ENG-PAK क्रिकेट सीरीज को पाकिस्तान के किसी टीवी चैनल पर नहीं दिखाया जाएगा, क्योंकि दक्षिण एशिया में क्रिकेट मैच दिखाने के सभी राइट्स भारतीय कंपनी सोनी और स्टार के पास हैं।
पाकिस्तान टीवी ने अपनी सरकार से आग्रह किया था कि उसे भारत की कंपनियों से एक समझौता करने दे। ताकि मैच का मजा पाकिस्तानी दर्शक भी ले सकें, लेकिन सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, 'PTV के आग्रह को ठुकरा दिया गया है। जब तक भारत पांच अगस्त 2019 की कार्यवाही (धारा 370) पर पुनर्विचार नहीं करता, तब तक उनसे कोई करार नहीं होगा।'
जब मैच पाकिस्तान का है, तो पाकिस्तान में ही उसे दिखाने के लिए भारत से समझौते की क्या जरूरत है? दरअसल, ये चक्कर टीवी चैनलों के राइट्स से जुड़ा है। इसमें हजारों करोड़ रुपए लगे होते हैं। एक-एक मैच दिखाने पर टीवी चैनल को 50-70 करोड़ रुपए तक देने होते हैं। आइए इस पूरे मामले को 3 पॉइंट में समझते हैं...।
क्रिकेट के राइट्स क्या होते हैं?
लाइव क्रिकेट को टीवी पर दिखाने के लिए चैनल को क्रिकेट बोर्ड्स को पैसा देना पड़ता है। इसे राइट्स खरीदना कहते हैं। बोर्ड्स औसतन पांच साल के लिए मैच दिखाने के राइट्स बेचते हैं। हर देश में जहां क्रिकेट होता है, वहां घरेलू बोर्ड होता है। जैसे- हमारे यहां भारत क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI, पाकिस्तान में PCB, इंग्लैंड में ECB, ऑस्ट्रेलिया में CA, साउथ अफ्रीका में CSA है।
ये बोर्ड्स अपने घरेलू राइट्स और ग्लोबल राइट्स बेचते हैं। जैसे BCCI ने अपने देश में होने वाले अंतरराष्ट्रीय मैच और IPL के राइट्स स्टार स्पोर्ट्स को बेचे हैं। जो भी देश हमारे यहां क्रिकेट खेलने आते हैं, उनके देशों के चैनल्स को BCCI से ग्लोबल राइट लेने होते हैं।
सोनी और स्टार स्पोर्ट्स ने पूरी दुनिया के क्रिकेट बोर्ड से साउथ एशिया के ग्लोबल राइट्स खरीद लिए हैं। अगर पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका की टीमें किसी दूसरे देश में क्रिकेट खेलने जाएंगी तो उन्हें स्टार या सोनी से डील करनी पड़ती है। फिलहाल पाकिस्तान ने वो डील करने से मना कर दिया है। इसीलिए पाकिस्तान में इंग्लैंड में होने जा रहे मैच को नहीं दिखाया जा सकता।
लोकल बोर्ड से घरेलू राइट्स और ग्लोबल राइट्स के अलावा कुछ राइट्स इंटरनेशनल क्रिकेट बोर्ड यानी ICC से खरीदने होते हैं। जैसे- वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी या इस वक्त चल रही वर्ल्ड टेस्ट चैंपियंनशिप। इन्हें दिखाने के लिए किसी भी चैनल को ICC से राइट्स लेने होंगे। वो चैनल्स भी दिखा सकते हैं, जिनके पास इंग्लैंड में होने वाले क्रिकेट मैच दिखाने के राइट्स हों क्योंकि फाइनल इंग्लैंड में होगा।
तीन तरह से क्रिकेट के राइट्स की बोली लगती है
- टीवी राइट्सः जिस देश में मैच हो वहां के बोर्ड्स से खरीदे हुए राइट्स
- डिजिटल राइट्सः मैच को डिजिटल मीडियम के राइट्स लेने होते हैं
- ग्लोबल राइट्सः वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट के ICC से लिए हुए ग्लोबल राइट्स
BCCI स्टेडियम टिकट बेचकर 60 लाख और टीवी राइट्स बेचकर 60 करोड़ कमाता है
हर देश के क्रिकेट बोर्ड के कमाई का जरिया टीवी-डिजिटल राइट्स हैं। स्टार इंडिया के टीवी चैनल स्टार स्पोर्ट्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म डिज्नी+ हॉटस्टार ने 2018–23 तक के लिए BCCI से IPL को छोड़कर सभी मैच के राइट्स 6138 करोड़ में खरीदे थे। इस दौरान भारतीय टीम अपने देश में 102 क्रिकेट मैच खेले खेलेगी। यानी एक मैच के लिए स्टार BCCI को 60 करोड़ रुपए से ज्यादा चुकाएगा।
इसी तरह IPL के राइट्स के लिए भी 2018–2022 के लिए इसी कंपनी ने 16,347.5 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। इस दौरान कुल 300 मैच खेले जाएंगे। यानी एक मैच के लिए 50 करोड़ रुपए से ज्यादा चैनल BCCI को देता है। क्रिकेट एक्सपर्ट बताते हैं कि BCCI को किसी एक मैच के स्टेडियम टिकट बेचने पर औसतन 60 लाख रुपए मिलते हैं। इसमें से भी 30 लाख से ज्यादा रख-रखाव में खर्च हो जाते हैं।
कोरोना काल के दौरान बिना दर्शकों के भी मैच कराए गए, लेकिन इससे बोर्ड की सेहत पर बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। क्रिकेट को देखने-दिखाने में एक बड़ा अंतर आने वाले सालों में डिजिटल प्लेटफॉर्म डालने वाले हैं, क्योंकि 2022 में स्टार स्पोर्ट्स के IPL के राइट्स और 2023 में अंतरराष्ट्रीय मैच के राइट्स के करार खत्म हो जाएंगे। इधर डिजिटल प्लेटफॉर्म पहले से कमर कस के तैयार हैं।
अमेजन ने खरीद लिए हैं न्यूजीलैंड के राइट्स, जियो-फेसबुक भी बोली लगा रहे हैं
नवंबर 2020 में अमेजन प्राइम वीडियो ने न्यूजीलैंड में होने वाले सभी मैच को भारत में दिखाने के राइट्स खरीद लिए। किसी अकेली डिजिटल कंपनी की ओर से ऐसा पहली बार हुआ जब उसने टीवी से आगे जाकर किसी बोर्ड से राइट्स खरीद लिए। 2018 में जब BCCI, IPL के राइट्स के लिए नीलामी कर रहा था, तब भी एयरटेल एक्स्ट्रीम, रिलायंस जियो और अमेजन प्राइम वीडियो ने डिजिटल राइट्स के लिए बोली लगाई थी। कोरोना काल और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दखल के बढ़ने के चलते अब ये कंपनियां मजबूत हो गई हैं। इधर दर्शक भी OTT पर क्रिकेट देखने के लिए अभ्यस्त हो चुके हैं।
ऐसे में स्टार स्पोर्ट्स के एक अधिकारी कहते हैं- 2022-23 किक्रेट की दुनिया के लिए वाकई रोमांचक होने वाला है। अभी जब IPL का प्रसारण डिज्नी+ हॉटस्टार पर किया जा रहा था तो एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) यानी एक यूजर से होने वाली औसत कमाई बढ़ गई थी। कंपनी इसका सीधा डेटा तो नहीं जारी करती, लेकिन ऐसा माना जाता है कि जब क्रिकेट दिखाया जाता है, तब पेड सब्सक्राइर्ब्स बढ़ जाते हैं।
डिजिटल प्लेटफॉर्म की नजर अब केवल क्रिकेट पर ही नहीं है, बल्कि अमेजन स्पेन की मशहूर फुटबॉल लीग ला लीगा को दिखाने की डील भी कर चुका है। ऐसे में आने वाले साल दुनिया के खेल को दिखाने के लिहाज से कई तरह के बदलावों वाले हो सकते हैं।