सोमवार को निर्जला एकादशी, इस दिन पानी भी नहीं पीते हैं व्रत करने वाले भक्त

Posted By: Himmat Jaithwar
6/16/2021

16 से 30 जून तक कई खास तीज-त्योहार आ रहे हैं। इन 15 दिनों में निर्जला एकादशी, प्रदोष व्रत, पूर्णिमा जैसी खास तिथियां आएंगी। इन शुभ दिनों में किए गए पूजा-पाठ से अक्षय पुण्य मिलता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का महत्व काफी अधिक है। इसे निर्जला एकादशी कहते हैं। इस तिथि पर निर्जल रहकर व्रत किया जाता है। स्कंद पुराण के विष्णु खंड में एकादशी महात्म्य नाम के अध्याय में सालभर की सभी एकादशियों का महत्व बताया गया है। ये एकादशी सोमवार, 21 जून को है।

निर्जला एकादशी पर सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान विष्णु के सामने व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए। विशेष पूजा-पाठ करें। महाभारत काल में पांडव पुत्र भीम ने भी इस एकादशी पर व्रत किया था। भीम दिन में कई बार भोजन करते थे और वे भूखे नहीं रह सकते थे। एक दिन उन्होंने वेद व्यास से कहा कि सभी भाई एकादशी पर व्रत करते हैं, लेकिन मैं भूख की वजह से व्रत नहीं कर पाता। ऐसे में मुझे एकादशी व्रत का पुण्य नहीं मिलता है। तब महर्षि वेद व्यास ने भीम को निर्जला एकादशी पर व्रत करने की सलाह दी थी।

वेद व्यास ने भीम को बताया कि इस तिथि पर निर्जल रहकर व्रत करने से सालभर की सभी एकादशियों के व्रत से मिलने वाले पुण्य के बराबर पुण्य मिलता है। व्यास जी की सलाह पर भीम ने ये व्रत किया था।

एकादशी के बाद 22 जून को प्रदोष व्रत रहेगा। इस दिन शिव और पार्वती की विशेष पूजा करनी चाहिए।

गुरुवार, 24 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा है। इस दिन किसी नदी में स्नान करें या घर पर सभी तीर्थों का ध्यान करते हुए स्नान करें। स्नान के बाद दान-पुण्य करें। शिवजी की पूजा करें। घर पर भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें।

25 जून से आषाढ़ मास शुरू होगा। 27 तारीख को गणेश चतुर्थी व्रत रहेगा। इस दिन गणेशजी के लिए व्रत करना चाहिए।



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