विस्फोटक सप्लाई करने वाले दो लोगों को NIA ने गिरफ्तार किया, मनसुख की हत्या में इनकी भूमिका की जांच जारी है

Posted By: Himmat Jaithwar
6/15/2021

मुम्बई। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर यानी एंटीलिया के बाहर से बरामद हुई विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो मामले में NIA ने आज दो और लोगों को गिरफ्तार किया है। मुंबई के मलाड के कुरार गांव से पकड़े गए इन लोगों पर इस मामले में गिरफ्तार पूर्व API सचिन वझे तक जिलेटिन की छड़ों को पहुंचाने का आरोप है।

गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों संतोष शेलार और आनंद जाधव को मंगलवार को स्थानीय NIA कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने इन्हें 21 जून तक के लिए NIA की कस्टडी में भेज दिया है। स्कॉर्पियो विस्फोटक बरामदगी मामले में NIA की यह सातवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले सचिन वझे, रियाज काजी, पूर्व इंस्पेक्टर सुनील माने, पूर्व कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे और क्रिकेट बुकी नरेश गोरे को अरेस्ट किया था।

NIA सूत्रों की मानें तो उन्हें मनसुख हिरेन की हत्या में भी संतोष शेलार और आनंद जाधव का हाथ होने का शक है। हालांकि, अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

क्या है पूरा मामला?
25 फरवरी को दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया से 300 मीटर की दूरी पर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी मिली थी। कार में 20 जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरा लेटर बरामद हुआ था। 5 मार्च को इसके मालिक मनसुख हिरेन का शव रेती बंदर की खाड़ी से बरामद हुआ था। जिसके बाद महारष्ट्र ATS ने इसमें हत्या का मामला दर्ज किया और 2 लोगों को अरेस्ट किया था। इसके बाद इस केस में NIA की एंट्री हुई और 13 मार्च को सचिन वझे को अरेस्ट किया गया था।

3 लेवल पर चल रही थी एंटीलिया केस की जांच
एंटीलिया के बाहर से विस्फोटक बरामद होने के मामले में तीन अलग-अलग केस दर्ज हुए हैं। तीनों केस की जांच की मौजूदा स्थिति इस तरह है-

  • पहला केस मनसुख हिरेन की स्कॉर्पियो चोरी होने का है, जिसमें मुंबई की गामदेवी पुलिस जांच कर रही है।
  • दूसरा केस अंबानी के घर के पास बरामद हुई जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो का है। इसकी जांच NIA के हाथ में है। इसी केस में सचिन वझे को अरेस्ट किया गया है।
  • तीसरा केस स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या का है। इस केस में महाराष्ट्र ATS जांच कर रही थी। अब ठाणे कोर्ट के आदेश के बाद इस केस को भी NIA को ट्रांसफर कर दिया गया है। हालांकि, ATS ने अभी तक इस केस को बंद करने का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है।



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