रात में पिता को जमकर पीटा, मिर्ची का घोल पिलाया, सुबह कहा बीमारी से मर गए, महिलाएं बोलीं- हम आगे नहीं आते तो बेटे को सजा कौन दिलाता

Posted By: Himmat Jaithwar
6/15/2021

इंदौर। हमें दोपहर में ही शंका हो गई थी कि उन्हें पीटा गया है। इसी से मौत हुई है, क्योंकि रात को पिटाई की तेज आवाजें आ रही थीं। ऐसा हमेशा होता था। आखिर जब बेटे ने शव यात्रा की तैयारी की तो हमें लगा कि ये तो अनर्थ हो जाएगा। पिता का हत्यारा बच जाएगा, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने निश्चय किया कि ऐसे पिशाच बेटे को सजा दिलाना चाहिए। फिर हमने द्वारकापुरी थाने में फोन लगाया। उनकी शव यात्रा चौराहे तक पहुंची ही थी कि पुलिस पहुंच गई। शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम कराया। हमें यह भी पता चला कि रात को पीटने के बाद जब बुजुर्ग चिल्लाने लगे तो सचिन ने मिर्ची घोलकर उन्हें पिला दी, ताकि वे चुप हो जाएं।

यह कहना है इंदौर के श्रीराम नगर निवासी इंदु श्रीवास्तव, कला पंवार, शकुंतला शर्मा, सोनू भूरिया और सोनू का, जिन्होंने इस हत्याकांड को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई। द्वारकापुरी टीआई सतीश द्विवेदी के अनुसार, पड़ोसियों महिलाओं की सूझबूझ से ही हत्याकांड का खुलासा हुआ है। आरोपी बेटे ने भी वारदात कबूल कर ली। उसे गिरफ्तार कर लिया है।

यह है मामला

श्रीराम नगर निवासी 60 वर्षीय भूरालाल की हत्या करने वाले उनके बेटे 30 वर्षीय सचिन को गिरफ्तार किया गया है। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि भूरालाल और सचिन दोनों मजदूरी करते हैं। भूरा अपने बेटे सचिन व बहू के साथ रहते थे। वे अकसर शराब पीते थे, लेकिन किसी को कुछ नहीं बोलते थे। फिर भी बेटा सचिन उन्हें प्रताड़ित करता था। शनिवार रात को उसने अपने पिता को इतना पीटा कि उनके पैर टूट गए। पीठ और सिर में भी गंभीर चोट आई। रातभर बुजुर्ग पिता बेसुध पड़े रहे। अगली दोपहर तक उनके घर का दरवाजा बंद रहा। शाम 4 बजे सचिन ने पड़ोसियों से कहा कि बीमारी के कारण उनकी मौत हो गई। यह सुन पड़ोसी चौंके कि आखिर वे कल तक तो ठीक थे। फिर बीमार कैसे हो गए।

बेटे ने पिता की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
बेटे ने पिता की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

शव देखने पहुंचे पड़ोसियों को बाहर से ही भगाना चाह रहा था
शंका के बाद पड़ोस में रहने वाली पांच महिलाओं ने पड़ताल शुरू की। लोग बुजुर्ग का शव देखने पहुंचे तो सचिन बाहर से भगाना चाहता था। कुछ लोग अंदर चले गए। शव से खून निकल रहा था। इस छिपाने के लिए आरोपी ने सिर और आसपास ढेर सारे फूल डाल दिए। रात 2 बजे बड़े भाई को फोन कर सूचना दी। जैसे ही अगली सुबह अंतिम संस्कार के लिए निकला तो मोहल्ले की 5 जागरूक महिलाओं ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद हत्या का खुलासा हुआ।

आरोपी बेटी गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार करने निकल गया था।
आरोपी बेटी गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार करने निकल गया था।

हम नहीं आती तो बेटे को सजा कौन दिलाता
काॅलोनी में रहने वाली इंदू पवार का कहना है कि हत्या के एक दिन पहले अंकल रात में बाहर बैठे हुए थे। हम सभी ने उनसे अच्छी तरह से बात की। पास वाले भैय्या के साथ वे घूमने भी निकले। अगले दिन हमें शाम काे पता चलता है कि उनकी माैत हाे गई है। जब हमने सामने वालों से इस बारे में बात की तो पता चला कि रात में मारने-पीटने की आवाज आ रही थी। इस पर हम कमने में पहुंचे तो वहां फर्श पर खून नजर आया।

हम कुछ समझ पाते इसके पहले ही बेटा अर्थी सजाकर पिता को अंतिम संस्कार के लिए लेकर निकल गया। शंका होेने पर हमने द्वारिकापुरी पुलिस को सूचना दी और कहा कि आप थोड़ा देखें। हमसे जो व्यक्ति रात साढ़े 10 बजे बात कर रहा हो और फिर पता चले कि वह सुबह खत्म हो गया तो शंका होगी ही। अंकल सालों से शराब पीते थे। आए दिन विवाद होता था। शराब पीते थे तो क्या उन्हें खत्म कर दोगे। बेटे और बहू के साथ वे रहते थे। घर से खून के कपड़े भी मिले हैं। उनका कहना है कि यदि हम सामने नहीं आते तो हत्यारे को सजा कौन दिलवाता।



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