ग्वालियर। ऊर्जा मंत्री के पैर रखते ही अमृत योजना के तहत बन रही चेंबर की दीवार ढह गई। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर गिरते-गिरते बचे। घटिया निर्माण की पोल खुलते ही मंत्री तोमर काफी नाराज हुए और अफसरों को फटकार लगाई। तत्काल जांच के आदेश भी दे डाले। इस घटना के बाद शहर में अमृत योजना का काम कर रही कंपनी मैसर्स विष्णु प्रकाश पंगुलिया पर पहली बार बड़ी और कड़ी कार्रवाई हुई है।
इस बार कंपनी पर कार्रवाई करने का मुख्य कारण उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का अचानक दौरा रहा। मानसिक आरोग्यशाला के पास रविवार को अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे पानी के चैंबर के पास अचानक मंत्री तोमर ने अपनी गाड़ी रोक दी। मंत्री तोमर ने कार्य की गुणवत्ता चेक करने के लिए चैंबर की दीवार को जैसे ही लात से हिलाया तो वह दीवार गिर पड़ी, इस काम से यह तय हो गया कि अमृत योजना में कितना घटिया स्तर का काम हो रहा है। इस पर निगम आयुक्त ने कंपनी पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी किया है।
शहर में पेयजल सप्लाई के लिए बनी अमृत योजना के तहत चल रहे घटिया कामों को देखते हुए सांसद हो या विधायक सभी ने कई बार इस कंपनी पर कार्रवाई की बात की है, लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हुई इस पर आगे किसी ने कुछ नहीं कहा। इसके बाद भी अब तक यह कंपनी शहर में काम भी कर रही है। कंपनी के संबंध में शिकायत तो यह है कि कंपनी शर्तों के मुताबिक काम ही नहीं कर रही है।
कंपनी का काम भी धीमी गति से चल रहा है। कंपनी के कार्यों की गुणवत्ता की पोल उस समय खुल गई जब रविवार शाम ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर मानसिक आरोग्यशाला पर चल रहे निर्माण कार्य को देखने के लिए रुक गए। वहां चैंबर के लिए बनाई जा रही दीवार पर जब ऊर्जामंत्री ने पैर रखा तो दीवार अचानक ढह गई। ऊर्जा मंत्री कीचड़ में गिरते-गिरते बचे। इस पर वह काफी नाराज तो हुए ही साथ ही कार्रवाई के निर्देश भी दे दिए।
सीवर के लिए बनाए गड्ढे को चेक करते हुए ऊर्जामंत्री तोमर
एसई को नोटिस, फील्ड इंजीनियर को हटाया
नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने जुर्माना लगाने एवं कंपनी के अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कंपनी को पत्र लिखने के निर्देश दिए तथा फील्ड इंजीनियर को तत्काल हटाया गया। सहायक यंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। भ्रष्टाचार की कलई खुलने के बाद अब वह चेंबर RCC से बनाने के निर्देश दिए गए। साथ ही फील्ड इंजीनियर प्रतीक शर्मा को तत्काल हटाया गया। वहीं, सहायक यंत्री विष्णु पाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।