सरकार निकट भविष्य में कई मामलों में न्यूनतम कानूनी उम्र में अहम फैसले लेने की तैयारी कर रही है। देश जब आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा होगा, तो उसकी युवा आबादी के लिए उम्र के नए पैमाने होंगे। लड़के-लड़की की शादी की उम्र एक समान होगी। सिगरेट-तम्बाकू सेवन की न्यूनतम उम्र बढ़ेगी। शराब पीने की उम्र पूरे देश में एक करने के लिए इसे केंद्र और राज्य दोनों के कानूनी अधिकार में लाया जाएगा। इंटरनेट पर डेटा संरक्षण के दायरे में बच्चों की उम्र पर निर्णय लेने की जमीन भी तैयार हो चुकी है।
शादी की उम्र पर लाल किले से घोषणा संभव
विवाह की न्यूनतम उम्र लड़के और लड़की दोनों के लिए 21 साल करने संबंधी टास्कफोर्स की रिपोर्ट पर नीति आयोग में दो बैठकें हो चुकी हैं। इस बात के ठोस संकेत हैं कि लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के सम्बोधन में इस पर अमल की घोषणा हो सकती है। पिछली बार प्रधानमंत्री ने उम्र में बदलाव पर विचार करने का ऐलान किया था।
संसदीय समिति की रिपोर्ट तैयार
डेटा प्रोटेक्शन बिल पर संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसमें यह तय किया जा रहा है कि इंटरनेट सर्फिंग के लिए बच्चा किसे माना जाए। कई अन्य मामलों की तरह इस मामले में भी बच्चे की परिभाषा 18 साल से कम के युवा की रखी गई है। हालांकि, अमेरिका और यूरोप के कई देशों में 13 साल से ऊपर के बच्चों को वयस्क माना गया है। भारत में सोशल मीडिया कंपनियों ने संसदीय समिति के समक्ष यही तर्क दिया था।
धूम्रपान की उम्र 21 वर्ष करने का मसौदा तैयार
धूम्रपान और तम्बाकू सेवन की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के लिए विधेयक का मसौदा तैयार है। एयरपोर्ट्स और रेस्टोरेंट में स्मोकिंग चेम्बर की व्यवस्था को भी खत्म किया जाएगा।
शराब के लिए केंद्र को बदलना होगा कानून
शराब की न्यूनतम उम्र तय करने का अधिकार राज्यों के पास है। न्यूनतम उम्र 25 साल करने का दबाव है। शराब को समवर्ती सूची में लाना जरूरी है।