अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में 'शानदार सालाना रिकवरी', कोविड से कमजोर हुआ बेस दे रहा बेहतर आंकड़ा

Posted By: Himmat Jaithwar
6/12/2021

अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में सालाना आधार पर 134.4% उछाल आया। यह सूचकांक इस वित्त वर्ष के पहले महीने में 126.6 पर पहुंच गया। इसका सबसे बड़ा कारण कोविड के चलते साल 2020 में बना कमजोर बेस रहा है। IIP रेट बताता है कि औद्योगिक उत्पादन में किस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान कितना रहा है। इससे तिमाही GDP का आकलन करने और आगामी तिमाहियों का अनुमान लगाने में मदद मिलती है।

लॉकडाउन के चलते पिछले साल अप्रैल में IIP में 57.3% की गिरावट आई थी

इस साल अप्रैल के औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े अपने आप में तो शानदार लग रहे हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों और विश्लेषकों के मुताबिक, इसको लेकर उत्साहित होने की जरूरत नहीं। दरअसल, कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए पिछले साल मार्च के अंतिम दिनों में लॉकडाउन लगाया था। उसके चलते तब औद्योगिक उत्पादन में 57.3% की तेज गिरावट आई थी।

अप्रैल 2020 के IIP के बेहद कमजोर आंकड़ों से तुलना करना सही नहीं

वैसे भी इस साल अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक कितना रहा है, सिर्फ ये आंकड़े सरकार ने जारी किए हैं। उसने इस बारे में कुछ भी नहीं कहा है कि औद्योगिक उत्पादन दर में सालाना आधार पर कितनी बढ़ोतरी हुई है। ऐसा इसलिए कि अप्रैल 2020 के IIP के बेहद कमजोर आंकड़ों से इस साल की तुलना करना सही नहीं होता।

अप्रैल 2021 में सूचकांक 126.6 पर पहुंच गया, जो अप्रैल 2019 में 126.5 था

लेकिन राहत वाली बात यह है कि इस साल अप्रैल के IIP के 126.6 आंकड़े के मुकाबले अप्रैल 2019 में (कोविड से पहले वाला साल) 126.5 ही रहा था। जिस साल कोविड का कहर बरपा था, उससे पिछले साल से इस साल की तुलना करने से IIP के बारे में थोड़ा बेहतर अंदाजा मिलता है।

मार्च के IIP ग्रोथ डेटा को 22.4% से संशोधित करके 24.1% कर किया गया है

दूसरी बड़ी बात यह है कि सरकार ने इस साल मार्च के IIP ग्रोथ के आंकड़े को संशोधित करके 24.1% कर दिया है। संशोधन से पहले यह आंकड़ा 22.4% का था। जनवरी में भी IIP की वास्तविक स्थिति भी संशोधन के बाद बेहतर हुई है। इसको -0.9% से संशोधित करके -0.6% कर दिया गया है।

कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इंफ्रा गुड्स का उत्पादन दो साल पहले से कम

अगर IIP में शामिल इकोनॉमिक सेक्टर की बात करें, तो इस साल अप्रैल में कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल और इंफ्रास्ट्रक्चर गुड्स का उत्पादन दो साल पहले के मुकाबले कम रहा है। लेकिन, कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल, प्राइमरी गुड्स और इंटरमीडियट गुड्स के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।

किस इकोनॉमिक सेक्टर के कौन से आइटम IIP में होते हैं?

कैपिटल गुड्स में मशीनरी आइटम, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल में कपड़े, पैसेंजर गाड़ियां वगैरह आते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर गुड्स में पेंट, सीमेंट, केबल, ईंट, टाइल रेल मैटीरियल वगैरह शामिल होते हैं। कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल में फूड आइटम, दवाएं वगैरह जबकि प्राइमरी गुड्स में माइनिंग, इलेक्ट्रिसिटी, फ्यूल और फर्टिलाइजर आते हैं। इंटरमीडियट गुड्स में धागे, केमिकल, सेमी फिनिश्ड स्टील आइटम वगैरह शामिल होते हैं।

इकोनॉमी में रिकवरी चालू, लेकिन सार्थक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में हासिल होगी

इंडिया रेटिंग्स के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन फरवरी 2020 में (कोविड फैलना शुरू होने से तुरंत पहले) जितना रहा था, उसका 94.3% ही अप्रैल 2021 में रहा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इसकी तुलना अप्रैल 2019 के IIP डेटा से करें तो आंकड़ा मामूली तौर पर बेहतर दिखेगा। सिन्हा के मुताबिक, यह बात साफ है कि इकोनॉमी रिकवरी की राह पर चल पड़ी है, लेकिन सार्थक आर्थिक वृद्धि दर इस वित्त वर्ष में नहीं, अगले वित्त वर्ष में हासिल होगी।

IIP ग्रोथ मई में 20% से कम रह सकती है, जून-जुलाई में बेहतर होंगे हालात

रेटिंग एजेंसी इकरा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर कहती हैं कि IIP ग्रोथ मई में 20% से कम रह सकती है। बेस इफेक्ट का फायदा कम मिलेगा, क्योंकि पिछले साल IIP दर में आई कमजोरी मासिक आधार पर घटी थी। औद्योगिक उत्पादन पर कोविड की दूसरी लहर और इसके चलते राज्यों में पाबंदियां बढ़ाए जाने का असर भी पड़ा था। नायर के मुताबिक, कोविड संक्रमण के मामले घटने और कई चरणों में अनलॉकिंग होने से जून-जुलाई में कई दूसरे आर्थिक आंकड़े मासिक आधार पर बेहतर हो सकते हैं।



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