पटना में कल (11 जून) को राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद का जन्मदिन मनाया जाएगा। इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। RJD कार्यकर्ता जन्मदिन को सामाजिक न्याय सद्भावना दिवस के रूप में मना रहे हैं। जगह-जगह 'सामाजिक न्याय सद्भावना दिवस' के पोस्टर लगाए गए हैं।
RJD के इस आयोजन पर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने तंज कसा है। JDU ने कहा है कि लालू प्रसाद को अपने जन्मदिन पर दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ों की हड़पी हुई जमीन लौटा देना चाहिए।
इससे पहले JDU ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्मदिन विकास दिवस के रूप में मनाया था। उस समय RJD ने भी तंज कसा था।
JDU बोली- लालू समर्थकों को बताना चाहिए, प्रॉपर्टी कैसे बढ़ी?
JDU के नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार कहते हैं कि - लालू प्रसाद को जन्मदिन के अवसर पर सलाह है कि वे दलित, अल्पसंख्यक, पिछड़ों की हड़पी हुई जमीन लौटा दें। कई का तो अभी दाखिल-खारिज भी नहीं हुआ है। जमीन लौटाएं तब हम मानें कि वे सामाजिक न्याय वाले नेता हैं। वे कहते हैं कि लालू प्रसाद के समर्थकों को बताना चाहिए कि लालू प्रसाद और उनके परिवार के लोगों का आर्थिक सूचकांक कैसे इतना बढ़ गया?
लालू और नीतीश की कोई तुलना नहीं
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार के समर्थक नीतीश कुमार की तुलना बिहार केसरी श्री कृष्ण सिंह से करते हैं और कहते हैं कि नीतीश कुमार ने जितना विकास किया उतना बिहार में आज तक किसी ने नहीं किया। सड़कों का जाल गांव-गांव तक बिछाया गया।
स्कूली छात्र-छात्राओं को साइकिल, कपड़े दिए। महिलाओं को नौकरियों में 35 फीसदी आरक्षण दिया। पंचायतों में महिलाओं और अति पिछड़ों, महा दलितों को ताकत दी। महिलाओं की मांग पर राज्यभर में शराबबंदी की। यह तो लालू सोच भी नहीं सकते थे। ऐसे कई उदाहरण समर्थक देते हैं।
राजधानी में RJD सुप्रीमो के जन्मदिन पर लगाया गया पोस्टर।
बिहार में विकास नहीं, विनाश हो रहा: RJD
लालू प्रसाद के समर्थक ने कहा है कि लालू प्रसाद सामाजिक न्याय और सद्भाव वाले नेता हैं, यह स्थापित है। वे तर्क देते हैं कि सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश जब बिहार में हुई तो लालू प्रसाद ने लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करने में भी संकोच नहीं किया। नीतीश कुमार की तरह कभी इस डाल तो कभी उस डाल पर नहीं बैठे हैं।
CM नीतीश कुमार के जन्मदिन पर समर्थकों द्वारा लगाया गया था पोस्टर।
नीतीश कुमार के खोखले विकास की पोल खुली
RJD प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि लालू प्रसाद स्वर्ग नहीं दे सके, लेकिन उन्होंने शोषितों के मुंह में आवाज दी। वे जन-जन के नेता हैं। बिहार में विकास तो हुआ नहीं उल्टे विनाश हो रहा है और नीतीश कुमार को विकास पुरुष के रूप में महिमामंडित करने की साजिश हो रही है। शिक्षा- स्वास्थ्य सबकी पोल खुल कर रह गई है। बालिका सुधार गृह में क्या-क्या हुआ, दुनिया ने देखा। वे कहते हैं कि नीतीश कुमार के पेट में दांत हैं।