मई में जब दूसरी लहर पीक पर थी तब तिरुपति को रोज 30 लाख दान मिला, शिर्डी में दान 80% तक कम हुआ, वैष्णो देवी में कम पहुंचे भक्त

Posted By: Himmat Jaithwar
6/10/2021

कोरोना की दूसरी लहर अब ढलान पर है। हालात लगातार सामान्य हो रहे हैं। अप्रैल और मई में तीन से चार लाख पॉजिटिव केस रोज मिल रहे थे, लेकिन अब ये घटकर 80 से 90 हजार के बीच हो गए हैं। दूसरी लहर से देश के 3 सबसे बड़े मंदिर तिरुपति बालाजी, शिर्डी साईं मंदिर और वैष्णो देवी भी अछूते नहीं रहे। जानिए, कोरोना की सेकेंड वेव का इन तीनों मंदिरों में आने वाले भक्तों और दान पर कितना असर पड़ा।

तिरुपति मंदिरः दर्शन नहीं रुके, रोज लाखों का मिला दान
मार्च से मई 2021 तक, इन तीन महीनों में देश ने कोरोना महामारी की भयावहता देखी। लाखों लोगों ने जान गंवाई। देश में फिर लॉकडाउन के हालात बने, लेकिन इस सब के बीच भी आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन और दान का सिलसिला जारी रहा। हां, आने वालों की संख्या जरूर कम रही। अप्रैल-मई 2021 औसतन हर दिन 5000 लोगों ने दर्शन किए और 50 लाख रुपए से ज्यादा का दान भी मिला।

तिरुपति मंदिर को देश के सबसे अमीर मंदिरों में पहले नंबर पर गिना जाता है। कोरोना की पहली लहर में 20 मार्च 2020 से 7 जून 2020 तक मंदिर पूरी तरह बंद रहा। तब संभवतः इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि इन दिनों में मंदिर का दान शून्य तक आ गया था। पिछले साल का दान 731 करोड़ के आसपास रहा। जो साल 2019-20 के मुकाबले करीब 500 करोड़ कम था।

3 से 22 मई 2021 के बीच सबसे कम दान
मई 2021 में जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी, उस दौरान भी तिरुपति मंदिर में रोज दो से चार हजार लोग दर्शन करने पहुंच रहे थे। अप्रैल 2021 में दान का रोज का एवरेज करीब 1 करोड़ था, लेकिन 3 मई से कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद यहां भक्तों की संख्या सीमित की गई। 3 मई से 22 मई के बीच रोज मिलने वाले दान का आंकड़ा 30 लाख पर आ गया। 13 मई को सबसे कम दान मिला जो 10 लाख रुपए था, उस दिन 4651 लोगों ने मंदिर में दर्शन किए। 23 मई से फिर दान की राशि में बढ़ोतरी हुई और एवरेज 40 लाख के ऊपर हो गया।

जनवरी से मार्च के बीच एवरेज 3 करोड़ का
इससे पहले, कोरोना की पहली लहर के बीच ही अक्टूबर 2020 के बाद से मंदिर में दर्शन और दान का सिलसिला पुराने स्तर पर लौटा था। जनवरी से मार्च 2021 के बीच रोज के दर्शनार्थियों की संख्या 60 हजार के आसपास रही और दान का एवरेज भी लगभग 3 करोड़ रुपए प्रतिदिन हो गया। अप्रैल 2021 की शुरुआत भी ऐसी ही रही। हालांकि तब तक कोरोना की दूसरी लहर शुरू हो चुकी थी। इस कारण भक्तों की संख्या और दान की राशि में कमी शुरू हो चुकी थी।

शिर्डी साईं मंदिरः 6 अप्रैल से ही बंद, दान 80% तक कम हुआ
देश में भक्तों के लिए दूसरा सबसे बड़ा दरबार है शिर्डी के साईं बाबा का। शिर्डी साईं धाम भी ऐसा ही मंदिर है, जहां सालभर भक्तों का हुजूम रहता है। दान पाने वाले मंदिरों में भी ये आगे की पंक्ति का मंदिर है। कोरोना की पहली लहर के दौरान मार्च से नवंबर के बीच मंदिर बंद ही रहा। दूसरी लहर के दौरान भी 6 अप्रैल को मंदिर भक्तों के लिए बंद कर दिया गया। मंदिर को मिलने वाले दान में इस दौरान भारी कमी आई है।
मंदिर प्रशासन के मुताबिक 2019 में डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मंदिर को 357 करोड़ का दान चढ़ाया था। वहीं अप्रैल 2020 से 25 मई 2021 तक कुल दान 62 करोड़ के आसपास मिला। इसमें से भी ज्यादातर दान ऑनलाइन ही मिला है, क्योंकि अप्रैल 2020 से मई 2021 के बीच मंदिर महज 4 से 5 महीने ही खुला रहा। इस दौरान भी भक्तों की संख्या सीमित ही रखी गई।

वैष्णोदेवी मंदिरः भक्तों की संख्या सबसे कम
कोरोना की दूसरी लहर में जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर में भक्तों की संख्या में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई। हालांकि मंदिर में दर्शन बंद नहीं थे। आम दिनों में 20 से 25 हजार श्रद्धालु रोज आते थे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ये संख्या 15 से 50 श्रद्धालु प्रतिदिन तक भी गिरी। बहरहाल, अब स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। जैसे-जैसे कोरोना के केस कम हो रहे हैं, वैष्णो देवी की पहाड़ियों पर भक्तों के जयकारों की गूंज बढ़ रही है। अभी लगभग एक से दो हजार श्रद्धालु रोज मंदिर पहुंच रहे हैं।

वैष्णो देवी माता मंदिर को भी देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार किया जाता है। एक आरटीआई के मुताबिक मंदिर के पास 1800 किलो सोना, 2000 करोड़ रुपए के डिपॉजिट्स और करीब 4700 किलो चांदी कुल संपत्ति है। लॉकडाउन के पहले और बाद में कितना दान मिला है, अभी इसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।



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