अमेरिका में अब तक 1.68 करोड़ लोगों की नौकरी गई, भारत में 40 करोड़ लोगों के रोजगार पर संकट: रिपोर्ट

Posted By: Himmat Jaithwar
4/10/2020

नई दिल्ली. पूरी दुनिया में फैले कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण अब लोगों की रोजी-रोटी पर भी संकट आ गया है। संक्रमण रोकने के लिए के दुनिया के अलग-अलग शहरों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से लोगों की नौकरियां खत्म हो रही हैं। कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण अकेले अमेरिका में अब तक 1.68 करोड़ लोगों बेरोजगार हो गए हैं। इन लोगों ने सरकारी पैकेज के तहत आवेदन किया है। लॉकडाउन के कारण भारत में अनौपचारिक क्षेत्र के 40 करोड़ से ज्यादा कामगारों के रोजगार पर संकट है। कई अन्य देशों में भी करोड़ों लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है।

अमेरिका में अब तक 1.68 करोड़ों लोगों ने किया आवेदन

अमेरिका के श्रम ब्यूरो की ओर से गुरुवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, यहां अब तक 1.68 करोड़ लोगों ने बेरोजगारी पैकेज के तहत सहायता राशि लेने के लिए आवेदन किया है। यह 3 हफ्ते का आंकड़ा है। पिछले दो सप्ताह में अमेरिका में सहायता राशि के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 1 करोड़ के आसपास थी। हालांकि, तीसरे सप्ताह में आवेदन करने वालों की संख्या दूसरे सप्ताह के 66 लाख के मुकाबले घटकर 2 लाख 61 हजार पर आ गई। कोरोना महामारी को रोकने के लिए अमेरिका ने अपने 40 राज्यों और कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट के लोगों से घरों में रहने के लिए कहा है। अमेरिका में अप्रैल में बेरोजगारी की दर 15% के आसपास रहने का अनुमान लगाया गया है।

भारत के 40 करोड़ से ज्यादा के प्रभावित होने की आशंका

कोरोना के बढ़ते प्रकोप और उससे निपटने के लिए जारी 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन के कारण भारत में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लगभग 40 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की आशंका है। इससे उनकी नौकरियों और कमाई पर बुरा असर पड़ सकता है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनावायरस असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 40 करोड़ लोगों को और गरीबी में धकेल देगा। आईएलओ ने कहा है कि भारत उन देशों शामिल है, जिसके पास हालात का बेहतर ढंग से सामना करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। संगठन ने कहा है कि भारत की 45 करोड़ की कुल वर्कफोर्स का 90 फीसदी असंगठित क्षेत्र से जुड़ा है।

जर्मनी में 21 लाख से ज्यादा के बेरोजगार होने की संभावना

कोरोनावायरस संक्रमण की मार झेल रहे जर्मनी में भी इस साल बेरोजगारी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यहां अब तक 6.5 लाख से ज्यादा कारोबारियों ने काम के घंटे कम करने के लिए आवेदन कर दिया है। न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार, यह स्थिति 2008-2009 की मंदी से भी ज्यादा भयंकर बताई जा रही है। जर्मन फेडरल लेबर एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, कोरोना महामारी के कारण अब तक बेरोजगार हुए लोगों का सही-सही आंकड़ा बताना तो संभव नहीं, लेकिन इससे 21 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी छिनने की आशंका जताई गई है। पिछले वित्तीय संकट में जर्मनी में 14 लाख लोग बेरोजगार हुए थे।

कनाडा में अब तक 10 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी छिनी

कनाडा के लेबर फोर्स सर्वे के मुताबिक कोरोनावायरस महामारी के कारण मार्च महीने में 10 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी छिन चुकी है। इससे कनाड़ा में मार्च महीने में बेरोजगारी दर 2.2 फीसदी से कई गुना बढ़कर 7.8 फीसदी पर पहुंच गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 1976 के बाद कनाड़ा में पहली बार बेरोजगारी दर में इतनी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

दुनियाभर में 200 करोड़ से ज्यादा कामगार अनौपचारिक क्षेत्र में

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में 200 करोड़ से ज्यादा कामगार अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। कोरोनावायरस महामारी के कारण इन लोगों के रोजगार पर संकट बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में प्रत्येक पांच में से चार लोग ( 81%) आंशिक या पूर्ण लॉकडाउन से प्रभावित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 संकट से पहले ही अनौपचारिक क्षेत्र के लाखों श्रमिकों प्रभावित हो चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, नाइजीरिया और ब्राजील में लॉकडाउन के कारण अंसगठित क्षेत्र में काम करनेवाले कामगारों पर ज्यादा असर पड़ा है।

दुनियाभर में अब तक 95 हजार से ज्यादा की मौत

कोरोनावायरस से दुनियाभर में अब तक 16 लाख से ज्यादा संक्रमित मिले हैं और 95 हजार 722 मौतें हुईं। अमेरिका इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां 4 लाख 68 हजार से ज्यादा पॉजिटिव केस मिले हैं और 16 हजार 691 मौतें हुई हैं। यूरोप में स्पेन कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। स्पेन में 1 लाख 52 हजार 446 पॉजिटिव केस मिले हैं और 15 हजार से अधिक मौतें हुई हैं। देश में 6 हजार संक्रमित मिले हैं और 57 लोगों की जान गई।



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