रायपुर : कोरोना काल के बाद उम्मीद भरी नजरों से अब जनता सरकार को देख रही है. वहीं गरीब जनता का सहारा तो सिर्फ सरकारी योजनाएं ही होती है. बीते दिनों छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से महतारी दुलार योजना की अधिसूचना जारी कर दी गई है. लेकिन इसे लेकर प्रशासन की तैयारी नज़र नहीं आ रही है. सरकार ने ये साफ़ नहीं किया है कि योजना का लाभ लेने के लिए किन दस्तावेज़ों की जरुरत है.
वहीं लोग परेशान हैं क्योंकि डेथ सर्टिफिकेट पर मौत का कारण नहीं लिखा जाता है. वहीं कई ऐसे परिवार भी हैं जिनके सदस्य की मौत कोरोना नेगेटिव होने के बाद हुई है. ऐसे परिवारों के लिए सरकार की क्या व्यवस्था है. ये स्पष्ट ही नहीं है.
परिवारों से बात करने पहुंची हमारी टीम
हमारी टीम उन लोगों से मिलने पहुंची जिन जरूरतमंद परिवारों के लिए सरकार ने योजना तैयार की है! दरअसल लोग इस असमंजस में हैं कि प्रक्रिया क्या है? साथ ही ये कैसे साबित करें कि सदस्य की मृत्यु कोरोना से हुई है. अधिसूचना जारी होने के बाद भी जानकारी जुटाने का काम शुरू नहीं हुआ है.
क्या है महतारी योजना
सरकार महतारी दुलार योजना लेकर आई है. यह योजना शैक्षणिक सत्र 2021-22 से शुरू हो रही है.छत्तीसगढ़ में कोरोना से बेसहारा बच्चों को स्कूली शिक्षा नि:शुल्क शिक्षा ने की योजना सरकार ने बनाई है. इसके तहत सरकार बच्चों को 12वीं तक की स्कूली शिक्षा नि:शुल्क देगी. वहीं हर महीने एक निश्चित छात्रवृत्ति भी मिलेगी.
योजना के मुताबिक ऐसे बच्चों को राज्य सरकार के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी. उनकी शिक्षा का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी. ऐसे विद्यार्थियों को कक्षा पहली से 8वीं तक 500 रुपए प्रति माह और कक्षा 9वीं से 12वीं तक 1000 रुपए प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जाएगी.
मंत्री जी ने कहा कोई दिक्कत नहीं
ये योजना स्कूल शिक्षा विभाग से संचालित होनी है. विभागीय मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम कहते हैं कि योजना लागू होने में कहीं कोई दिक्कत नहीं है. दस्तावेज़ों को लेकर स्थिति साफ़ कर दी जाएगी. साथ ही जनप्रतिनिधियों की मदद से जल्द ही योजना पर काम शुरू होगा.