प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) की बैठक की अध्यक्षता की। मोदी इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। उन्होंने कहा कि आज भारत सतत विकास और क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया को रास्ता दिखा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले कोई खोज दुनिया के दूसरे देशों में होती थी तो भारत को उसके लिए कई साल इंतजार करना पड़ता था, लेकिन आज देश के वैज्ञानिक दूसरे देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने एक साल में ही मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन बना ली।
विज्ञान ने बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार किए
मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी पूरी दुनिया के सामने इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती बनकर आई है। लेकिन इतिहास गवाह है कि जब जब मानवता पर कोई बड़ा संकट आया है, विज्ञान ने और बेहतर भविष्य के रास्ते तैयार कर दिए हैं।
मोदी ने कहा एग्रीकल्चर से डिफेंस और वैक्सीन से लेकर टेक्नोलॉजी तक भारत सशक्त बन रहा है। भारत सस्टेनेबल एनर्जी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है, लेकिन हमें आने वाले दशकों की तैयारी अभी से करनी होगी। कोरोना जैसी महामारी आज हमारे सामने है, ऐसी ही कई चुनौतियां भविष्य में आ सकती हैं। क्लाइमेट चेंज को लेकर वैज्ञानिक पहले ही चेतावनी दे चुके हैं। हमें भविष्य के लिए अभी से तैयार रहना होगा।
इंडस्ट्री से साथ हो बेहतर रिलेशन
मोदी ने CSIR के इंडस्ट्री के साथ रिलेशन बेहतर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आपको इंडस्ट्री के साथ-साथ समाज को भी साथ लेकर चलना होगा। मोदी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि मैंने पिछले साल जो प्रस्ताव रखा था, CSIR ने उससे सुझाव लेते हुए समाज से फीडबैक लेना शुरू कर दिया।' मोदी ने 2016 के एरोमा मिशन को भी याद किया। उन्होंने कहा कि इससे देश के किसानों की किस्मत बदली है। भारत हींग के लिए हमेशा दुनिया के दूसरे देशों पर निर्भर रहा है। CSIR ने इस दिशा में पहल की और आज देश में ही हींग का उत्पादन शुरू हो गया है।
लोगों को आसानी से मिले जानकारी
मोदी ने कहा कि CSIR की उपलब्धियों की जानकारी लोगों को सुलभता से मिलनी चाहिए। ताकि कोई भी व्यक्ति आपके काम के बारे में सर्च कर सके। यदि कोई चाहे तो आपसे जुड़ भी सके। इससे आपके काम को सपोर्ट मिलेगा और समाज में एक साइंटिफिक एप्रोच भी बढ़ेगी। हमें टाइम बाउंडेशन के साथ, निश्चित दिशा में बढ़ना जरूरी है।
कोरोना ने हमारी रफ्तार को धीमा जरूर किया है, लेकिन हमारा संकल्प है आत्मनिर्भर भारत। हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना के दौरान जो सफलता दोहराई है, हमें इसे हर फील्ड में दोहराना है। मुझे विश्वास है आपके परिश्रम औैर विश्वास से देश नए-नए रिकॉर्ड हासिल करेगा।
हर साल होती है CSIR की बैठक
CSIR विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत आने वाले वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ऑफिस के मुताबिक CSIR की गतिविधियां देशभर की 37 प्रयोगशालाओं और 39 आउटरीच सेंटर्स तक फैली हैं। सोसाइटी के सदस्यों में कई जाने-माने वैज्ञानिक, उद्योगपति और वरिष्ठ अफसर शामिल हैं। CSIR की बैठक सालाना होती है।