मुम्बई। महाराष्ट्र के पालघर जिले में जन्म के सिर्फ 15 घंटे बाद ही नवजात में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। हैरानी की बात यह है कि नवजात की मां में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं। उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव है। डॉक्टर भी हैरान हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है कि गर्भवती महिला को संक्रमण न होने के बावजूद उसके नवजात को कोरोना हो गया।
पालघर के जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. दयानंद एम सुर्यवंशी ने बताया कि दर्शेठ गांव की रहने वाली महिला ने रविवार को पालघर के एक निजी नर्सिंग होम में बच्ची को जन्म दिया था। जन्म के 15 घंटे बाद ही उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है।
अधिकारी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में नवजात के कोरोनावायरस से संक्रमित होने का यह पहला मामला है। ये मासूम अभी कोरोना से जंग लड़ रही है। डॉक्टर्स की एक टीम उसकी लगातार निगरानी कर रही है। उन्होंने बताया कि बच्ची को जवाहर तालुका के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मंगलवार को बच्चे में संक्रमण की पुष्टि के बाद उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पालघर जिले में सोमवार तक कोविड-19 के 1,09,874 मामले सामने आए और संक्रमण से 2,066 लोगों की मौत हुई है।
महाराष्ट्र के अहमदनगर में 9 हजार बच्चे कोरोना संक्रमित
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले से बच्चों के कोरोना संक्रमित होने के जो आंकड़े सामने आए हैं, वह डराने वाले हैं। यहां मई महीने में करीब 9,900 बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए हैं। अहमदनगर के डीएम राजेन्द्र भोसले बताया कि मई के महीने में जिले में कुल 86 हजार पॉजिटिव केस आए हैं। लेकिन ज्यादा मौत नहीं हुई है।
राजेन्द्र भोसले ने आगे बताया कि चूंकि अप्रैल के महीने में जो शादियां थीं, उनमें 18 साल के नीचे के लोगों की भीड़ ज्यादा थी। उसके बाद लॉकडाउन के दौरान भी बच्चे खेल रहे थे। उनका मूवमेंट जारी थी, इसलिए बच्चों का पॉजिटिविटी रेट 11% आया है।
महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए राज्य के सभी अस्पतालों में बच्चों के लिए विशेष रूप से कोरोना वार्ड की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सांगली शहर के अस्पताल में बच्चों के लिए कोरोना वार्ड बनाया गया है। यहां फिलहाल 5 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
महाराष्ट्र में 80 बच्चे हुए अनाथ
देश के विभिन्न हिस्सों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें कोरोना से बच्चे के माता-पिता की मौत हो गई है या फिर किसी एक की। NCPCR के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 29 मई 2021 तक 80 बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया है। वहीं, 716 बच्चे ऐसे है, जिन्होंने माता-पिता में से किसी एक को खोया है।