जैसे वोट डलवाने ले जाते हैं, वैसे ही टीके लगवाने ले गए, 9 पंचायताें में 45+ के 90% से अधिक का वैक्सीनेशन हुआ; कोई पॉजिटिव नहीं

Posted By: Himmat Jaithwar
6/4/2021

अलवर। कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को चपेट में लिया है, लेकिन राजस्थान में अलवर के बानसूर की 9 ग्राम पंचायतों की कहानी अलग है। इन गांवों में एक भी कोरोना पॉजिटिव नहीं है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह लोगों की जागरूकता है। जैसे, चुनावों में वोट देने के लिए लोग बूथों पर एक-एक ध्यान से ले जाते हैं, वैसे ही यहां टीके के लिए हर व्यक्ति को वैक्सीनेशन सेंटर पर पहुंचाया गया। नतीजा यह है कि 45+ आबादी के 90% से ज्यादा लोगों को डोज लग चुकी है।

कोरोना की दूसरी लहर के बीच में अलवर की 9 ग्राम पंचायतों में 60 बच्चे जन्मे। जागरूकता के कारण सभी सुरक्षित हैं।
कोरोना की दूसरी लहर के बीच में अलवर की 9 ग्राम पंचायतों में 60 बच्चे जन्मे। जागरूकता के कारण सभी सुरक्षित हैं।

दूसरी लहर में 60 बच्चे जन्मे
इन 9 ग्राम पंचायत के करीब 30 से अधिक गांवों में कोरोना की दूसरी लहर में 60 बच्चों ने जन्म लिया है और करीब 120 से अधिक गर्भवती महिलाएं हैं। इन्हें बीच-बीच में अस्पतालों में भी जाना पड़ा है। यहां कोरोना संक्रमण को रोकने में हेल्थ वर्कर (ANM) और सहायिका का बड़ा योगदान है। उन्होंने इन गांवों में 45+ की आबादी को टीके लगवाए हैं।

गमछा और मास्क लगाया
देवसन गांव के रोहिताश्व और कैलाश गुर्जर ने कहा कि उन्होंने समय पर वैक्सीन लगवाई है। इसके अलावा गांव के लोग घरों में अधिक समय रहे। बाहर के लोग भी गांव में कम आए हैं। लोगों को मास्क लगाने के प्रति जागरूक किया गया। गांव वालों ने घर से बाहर निकलने पर गमछा और मास्क यूज किया। तभी तो गांव में 80 से 90 साल के बुजुर्ग भी कोरोना से दूर रहे।

खटौती गांव की महिला राम प्यारी ने बताया कि गांव में युवाओं की टोली आई और गाड़ी में बैठा कर ले गई। पहले तो लगा कोई चुनाव में वोट दिलाने ले जा रहा है, फिर केंद्र पर पहुंचे तो पता चला कि टीका लगाने आए हैं। हमारे गांव में सभी ने टीका लगा दिया है।

ANM और स्वास्थ्य विभाग के अन्य स्टाफ ने गांव के लोगों को महामारी से बचने के उपायों के प्रति जागरूक किया। मास्क पहनना भी सिखाया।
ANM और स्वास्थ्य विभाग के अन्य स्टाफ ने गांव के लोगों को महामारी से बचने के उपायों के प्रति जागरूक किया। मास्क पहनना भी सिखाया।

इन ग्राम पंचायताें में एक भी पॉजिटिव नहीं
देवसन, छींड, चूला, इंद्राडा, किशोरपुरा, मांची, रसनाली, बासदयाल और तुराणा। इन ग्राम पंचायतों में करीब 33 गांव और ढाणियां हैं। अकेली रसनाली ग्राम पंचायत में एक अप्रैल से 2 जून के बीच 12 बच्चे पैदा हुए हैं। जबकि इस ग्राम पंचायत में 38 गर्भवती महिलाएं हैं।

जिले के आधे सैंपल अकेले बानसूर ब्लॉक से
1-2 जून को जिले भर में करीब 5 हजार कोरोना सैंपल की जांच हुई है, जबकि अकेले बानसूर ब्लॉक से 1 जून को 1,379 सैंपल की जांच हुई है। 3 दिन से इस ब्लॉक से रोजाना 1,100 से अधिक सैंपल की जांच होने लगी है। जबकि पूरे जिले से 5 हजार से अधिक सैंपल जांच हुए हैं। बानसूर जैसे अलवर जिले में करीब 14 ब्लॉक हैं।

वैक्सीन लगाने से पहले और बाद में बुजुर्ग अधिकतर समय घरों में ही रहे। कोरोना गाइडलाइन का भी सख्ती से पालन किया।
वैक्सीन लगाने से पहले और बाद में बुजुर्ग अधिकतर समय घरों में ही रहे। कोरोना गाइडलाइन का भी सख्ती से पालन किया।

देवसन में 891 को वैक्सीन लग चुकी
अकेली ग्राम पंचायत देवसन की आबादी करीब 5 हजार के आसपास है। इसमें से 891 लोगों को वैक्सीन लगी है। ये सभी 45+ उम्र वाले लोग हैं। देवसन गांव में ही खटोटी आता है। इस गांव में 45+ के 100% लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। वहीं देवसन में करीब 97% लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। अन्य 8 ग्राम पंचायतों की आबादी करीब 40 हजार के आसपास है। वहां भी करीब 90% वैक्सीनेशन हो चुका है।

नर्सिंग स्टाफ और आशा सहयोगी का बड़ा योगदान
इन गांवों में चिकित्सा विभाग की मॉनिटरिंग होती है। धरातल पर काम नर्सिंग स्टाफ, आशा सहयोगिनी, कार्यकर्ता और सहायिका लगी हुई हैं। इनमें प्रमुख रूप से मुन्नी देवी ANM, सुमन देवी, पिंकी देवी आशा सहयोगिनी, संतोष देवी और नीतू देवी कार्यकर्ता साथ ही आशा देवी सहायिका हैं।

रोज 600 एंटीजन किट से जांच
इन गांवों में एंटीजन किट से भी कोरोना की जांच की है। अकेले देवसन में करीब 50 से अधिक लोगों की एंटीजन किट से जांच हुई है। पूरे बानसूर में रोजाना करीब 600 सैंपल की एंटीजन किट से कोरोना की जांच होने लगी है। इससे पहले भी बानसूर से कोरोना की जांच अन्य ब्लॉक की तुलना में अधिक कराई गई हैं।

वैक्सीनेशन में आगे, अब 1% पॉजिटिव दर
बानसूर BCMHO डॉक्टर मनोज यादव ने बताया कि एक जून से हम रोजाना 1,100 से अधिक कोरोना सैंपल की जांच करा रहे हैं। बानसूर ब्लॉक में अब केवल 1% से भी कम पॉजिटिव रेट है। नौ ग्राम पंचायतों में एक भी पॉजिटिव नहीं है। दूसरी लहर में भी इन ग्राम पंचायतों में कोरोना के केस नहीं आए। कुछ केस आए उनको रिकवर हुए 20 दिन से अधिक समय हो चुका है। ग्रामीणों का सहयोग मिला है। वहीं टीम ने अच्छे से कार्य किया है।



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