कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर काफी निगेटिव असर डालेगी, इसे लेकर परिजन खासे चिंतित हैं। बच्चों को कोरोना से कैसे बचाया जा सकता है, इनकी इम्यूनिटी कैसे बढ़ाई जा सकती है और माता-पिता ऐसा क्या करें कि बच्चों को बीमारी से दूर रखा जा सके।
इसे लेकर भास्कर ने शिशु रोग विशेषज्ञों से बात की, सामने आया कि न केवल बच्चे बल्कि घर के वो सदस्य भी विशेष ध्यान रखें जो कि बाहर जा कर आते हैं। क्योंकि बच्चे तो घर में ही रहते हैं और उन्हें बाहर से आने वाले सदस्य ही संक्रमित कर सकते हैं। बच्चों को कोरोना से कैसे दूर रखें, क्या सावधानियां और कब-क्या करना है, जानिए एक्सपर्ट की राय।
‘जंक फूड अवॉइड करें, फल ज्यादा खिलाएं’
जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ सीनियर प्रोफेसर डॉ. आरके गुप्ता बताते हैं- बच्चों में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कोई अलग से दवाएं नहीं आतीं। इसके लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है। इसके अलावा बच्चों का स्क्रीन टाइम (टीवी और मोबाइल) बिलकुल कम कर दें। जंक फूड नहीं दें और अधिक से अधिक फल खिलाएं।
बच्चों में पूरी नींद की बहुत अधिक जरूरत होती है, इसलिए उन्हें समय पर सुलाने और जगाने की आदत डालें। काढ़े से इम्यूनिटी बढ़ाने के कोई साइंटिफिक रीजन सामने नहीं आए हैं, लेकिन बहुत अधिक नहीं दें। क्योंकि कई बच्चों में काढ़ा देने से पेट दर्द और कब्ज की समस्या सामने आई है। हां, हल्दी वाला दूध दे सकते हैं।
लाइफस्टाइल पूरी तरह बदल गई
जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ सीनियर प्रोफेसर डॉ. अशोक गुप्ता बताते हैं, ‘लॉकडाउन में बच्चों की लाइफस्टाइल पूरी तरह बदल गई है। वे देर तक सोते हैं और फिर खाने-पीने का सिस्टम भी गड़बड़ा जाता है। नियमित दिनचर्या रखें और यदि खानपान का सिस्टम सही नहीं है तो इम्यूनिटी प्रभावित होती है। ऐसे में पूरी नींद, हरी सब्जियां, फल लेना बहुत जरूरी है।’
यह विशेष ध्यान रखें
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रीति अग्रवाल बताती हैं, ‘जिन भी बच्चों के माता-पिता या अन्य परिजन घर के बाहर से आते-जाते हों, वे कोविड प्रोटोकॉल को पूरी तरह से फॉलो करें। घर में घुसने के बाद किसी भी चीज को नहीं छुएं और बच्चों से दूर रहें। काम में लिए गए कपड़ों को अलग रखें। बच्चों से मिलने से पहले खुद को अच्छे से सैनिटाइज करें।’
डॉ. अखिलेश जैन मनोरोग विभागाध्यक्ष, ईएसआई हॉस्पिटल बताते हैं, ‘बच्चे और माता-पिता कोरोना से संबंधी इलाज और जानकारी रखें, इससे आत्मविश्वास आता है। मनाेरंजन करें और भावनाएं शेयर करें। अनावश्यक जानकारियों पर बात नहीं करें। योगा करें, लेकिन सबसे अधिक जरूरी है कि आपस में संवाद करें। अकेले नहीं रहें।’