नई दिल्ली। ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार को दिल्ली पुलिस ने पहलवान सागर के मर्डर केस में गिरफ्तार किया है। हत्याकांड की वजह फिलहाल फ्लैट का विवाद बताया जा रहा है। दैनिक भास्कर ने इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए सागर के माता-पिता से बात करने की कोशिश की, लेकिन सागर की मौत के बाद से ही दोनों की स्थिति ठीक नहीं है और उनका इलाज चल रहा है।
भास्कर ने विवाद में मारे गए पहलवान सागर धनखड़ के चाचा नरेंद्र से बातचीत की। उनका कहना था कि सुशील ने सागर की हत्या फ्लैट के विवाद में नहीं बल्कि सागर की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर करवाई है। पेश है सागर के चाचा नरेंद्र से बातचीत के कुछ खास हिस्से...
आपको हत्या की वजह क्या लगती है? किराया, प्रॉपर्टी विवाद या कोई और वजह?
सुशील को सागर की लोकप्रियता से जलन होने लगी थी। वो सागर को उभरता हुआ नहीं देख पा रहा था। पुलिस या सुशील अपने बयान में भले ही यह कहें कि झगड़े की वजह फ्लैट का किराया है, लेकिन असल वजह यही थी कि सुशील को सागर की लोकप्रियता पच नहीं रही थी।
रही बात फ्लैट की तो वह फ्लैट सुशील ने खुद सागर को रहने के लिए दिया था। इसकी वजह यह थी कि छत्रसाल स्टेडियम में सुशील का एकाधिकार है और वहां उसकी ही चलती है। सुशील ने सागर के कोच वीरेंद्र को छत्रसाल स्टेडियम से भगा दिया था। इसके बाद उसने अलग अखाड़ा खोल लिया था। वीरेंद्र के साथ सीखने वाले 30-40 रेसलर भी चले गए थे। सागर कुछ समय बाद जल्द वीरेंद्र के अखाड़े में जाने वाला था।
पहलवान सागर धनखड़। सागर हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला था और सुशील को अपना गुरु मानता था। सागर की कुछ दिनों पहले दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हत्या कर दी गई थी। इसके आरोप में पुलिस ने ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील को गिरफ्तार किया है। फाइल फोटो
सागर के जाने के साथ 30 -40 लड़के और छत्रसाल स्टेडियम छोड़ देते। लगातार लड़कों के छत्रसाल स्टेडियम छोड़ने से सुशील को झटका लगा। इस पर उसने सागर को बुलाया और कहा कि तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं है, तुम मेरे फ्लैट पर रहो। बाद में विवाद बढ़ा। अब सुशील कह रहा है कि सागर ने फ्लैट का किराया नहीं दिया। सुशील ने 15 मार्च को फ्लैट खाली करने को कहा था और 31 मार्च को सागर ने उसे खाली कर दिया था। किराए का कोई मसला नहीं था।
सागर सुशील पहलवान को अपना गुरु मानता था, लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि आज गुरु पर शिष्य के मर्डर का आरोप है?
अगर हमें इस बात की जरा भी आशंका होती कि सुशील सागर को लेकर कोई बैर पाल रहा है तो हम उसे वहां से ले आते। हमें तो यही लगता था कि सुशील एक अच्छा पहलवान है। जब हम स्टेडियम जाते थे तो सुशील ठीक तरह से बात करता था और कहता था कि सागर इस बार बड़ा मेडल लेकर आएगा। 2017 में सागर को रेलवे, 2019 में सेना से नौकरी का ऑफर मिला, लेकिन परिवार को भी यही उम्मीद थी कि सागर और बड़ा मेडल लेकर आएगा।
सागर का नाम खेल के अलावा स्टेडियम में भी बन गया था। सागर को सुशील से ज्यादा बच्चे गुरु बोलने लगे थे। सागर के पैर छूने वाले भी स्टेडियम में सुशील से ज्यादा थे। इन बातों से सुशील चिढ़ा हुआ था। यही चिढ़ बढ़ती गई और उसने सागर की जान ले ली।
आपके मुताबिक छत्रसाल स्टेडियम पर सुशील पहलवान का वर्चस्व विवाद की बड़ी वजह था?
पहलवान सागर धनखड़ के परिजन, सागर द्वारा जीते गए मेडल को दिखाते हुए।
ये सब अब सुनने में आ रहा है, लेकिन यह चल 2014 से ही रहा था। जो खिलाड़ी छत्रसाल स्टेडियम में रहते थे, उन्होंने बताया कि सुशील शराब के नशे में आता था और फायर करता था। उसके साथ अक्सर बाहर के लोग भी आते थे और ऐसा अक्सर होता था।
ये बात भी बिलकुल सही है, चाहे वो कोई कोच हो या खिलाड़ी जो भी सुशील के खिलाफ बोलता था, उसे स्टेडियम छोड़ना पड़ता था। सागर की भी यही गलती थी कि वो सुशील की गलत बातों पर उसे टोकता रहता था।
क्या सागर ने कभी आपको ऐसा कुछ बताया कि उसकी जान को खतरा है?
सागर ने कभी हमें ऐसी कोई बात नहीं बताई। हां, हमने स्टेडियम के बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि सागर सुशील को गलत बातों को लिए टोकता था। यह भी पता चला कि सागर की लोकप्रियता के कारण सुशील को सागर की बात माननी भी पड़ती थी।
सुशील के मनमुटाव और दूसरे पहलवानों से भी चल रहे हैं?
ऐसा तो काफी समय से है। पहलवान अमित धनखड, प्रवीण राणा, नर सिंह यादव के साथ भी सुशील के अच्छे संबंध नहीं रहे हैं। सुशील ने एक कुश्ती के दौरान दूसरे पहलवान के कान को काट लिया था। कई मामले थे, लेकिन लोगों ने डर के मारे सुशील की शिकायत नहीं की।