जयपुर। राजस्थान में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी को लेकर सरकार और स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची हुई है। हालांकि, 48 घंटे बाद भी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा जांच का आदेश देने की जगह बयानबाजी कर रहे हैं। भास्कर पहले करीब 2,500 डोज की बर्बादी का सच अपनी खबर के जरिए उजागर कर चुका है। अब हम बतौर सैंपल 500 में से 20 वायल की तस्वीरें उनके बैच नंबर के साथ बता रहे हैं।
भास्कर सरकार से अपील करता है कि इन वायल की जांच कराएं और जो भी सच सामने आए, उसे सार्वजनिक करें। हमारा मकसद सिस्टम की उस लापरवाही को सामने लाना है, जिसकी वजह से हमारी कीमती वैक्सीन बर्बाद हो रही हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने 5.35% वैक्सीन की बर्बादी बताई, असल में ये 25%
राजस्थान में वैक्सीन की बर्बादी पर स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा अपना बचाव करते हुए खुद घिर गए हैं। रघु शर्मा दावा कर रहे हैं कि प्रदेश में 2% वैक्सीन ही बर्बाद हुई है, जबकि देश का औसत 6% है। शर्मा ने सोशल मीडिया पर स्क्रीन शॉट शेयर करते हुए बूंदी की जिस खटकड़ सीएचसी में 5.35% वैक्सीन की बर्बादी बताई है, वहां हकीकत में 25% तक डोज बर्बाद हुए हैं। केंद्रीय चिकित्सा मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि ये वायल डिस्पोजल वेस्ट के लिए डाली गई थीं। ऐसे में सवाल है कि क्या भरी हुई वायल डिस्पोजल के लिए भेजी जाती हैं?
राठौड़ ने कहा: दोषी भी मैं, जांचकर्ता भी मैं, निर्णयकर्ता भी मैं
राजस्थान के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने टीके की बर्बादी को लेकर मंगलवार को राज्य सरकार पर पलटवार किया। उन्होंने कहा- दोषी भी मैं, जांचकर्ता भी मैं, निर्णयकर्ता भी मैं, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को समाचारों की आलोचना से विचलित ना होकर कोरोना प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए। कोरोना से हुई मौतों और वैक्सीन बर्बादी की थर्ड पार्टी से जांच करानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके। सरकार अब इस मामले में ध्यान भटकाकर पीले बैग में वायल होने की बात करके अपना बचाव कर रही है, जबकि वैक्सीन प्रबंधन में सब कुछ काला ही काला है।
ऐसी ही आधी से ज्यादा भरी हुईं वैक्सीन की सैकड़ों और वायल अब भी दैनिक भास्कर के पास हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा हमारे ऑफिस से इन्हें मंगवा सकते हैं।
पहले दिन से दावा झुठला रहे स्वास्थ्य मंत्री
दैनिक भास्कर ने 31 मई को राजस्थान में टीके की बर्बादी का सच उजागर किया था। इसमें बताया गया कि प्रदेश के 8 जिलों के 35 वैक्सीनेशन सेंटरों के कचरे में वैक्सीन की 500 वायल मिलीं, जिनमें 2,500 से भी ज्यादा डोज हैं। इस पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सोशल मीडिया पर कहा कि दैनिक भास्कर अखबार में डस्टबिन में वैक्सीन मिलने की खबर पूरी तरह तथ्यों से परे और भ्रामक है। वायल्स का उपयोग करने के बाद इन्हें नियमानुसार संबंधित चिकित्सा संस्थान में ही जमा करवाया जाता है।