जो लोग भटके हुए हैं, उनकी ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, तभी वे सही रास्ते पर लौट सकते हैं

Posted By: Himmat Jaithwar
4/10/2020

10 अप्रैल को गुड फ्राइडे है। ये दिन ईसाई धर्म के लिए बहुत खास है। इसी दिन प्रभु यीशू को क्रूस पर चढ़ाया गया था। उन्होंने मानवता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। बाइबिल के अनुसार पर ईसा मसीह मृत्यु के 3 दिन बाद पुनर्जीवित हो गए थे। ईसा मसीह के जीवन के कई ऐसे प्रसंग प्रचलित हैं, जिनमें सुखी और सफल जीवन के सूत्र बताए गए हैं। यहां जानिए ऐसे ही कुछ प्रसंग...

भटके हुए लोगों की ओर ज्यादा ध्यान देना चाहिए

भटके लोगों से जुड़े एक प्रसंग के अनुसार एक गडरिया अपनी सबसे छोटी भेड़ को अपने कंधे पर उठाकर जा रहा था। थोड़ी देर बाद उसने भेड़ को कंधे से उतारा, उसे नहलाया, उसके बालों को सुखाया। गडरिए ने छोटी भेड़ को हरी खास खिलाई। वह गडरिया बहुत खुश था। ये सब ईसा मसीह देख रहे थे। वे गडरिए के पास पहुंचे और उससे पूछा कि तुम इस भेड़ की देखभाल करके बहुत खुश हो, ऐसा क्यों?

गडरिया बोला कि जब भी मैं इसे छोड़ता हूं, ये जंगल में जाकर भटक जाती है। मेरी अन्य भेड़ें रोज शाम घर आ जाती हैं, लेकिन ये ही भेड़ अपने आप वापस नहीं आती है। ये रास्ता भटक जाती है। इसी वजह से मैं इस पर खास ध्यान देता हूं, इसकी देखभाल करता हूं, ताकि ये मेरे पास ही रहे और रास्ता न भटके।

ईसा मसीह ने गडरिए की बात बहुत ध्यान से सुनी। उन्होंने शिष्यों से कहा कि इनकी बात में एक गहरा रहस्य छिपा है। एक बात ध्यान रखें कि भटके हुए लोगों पर हमें ज्यादा ध्यान देना चाहिए। जैसा ये गडरिया इस भेड़ के साथ व्यवहार करता है, वैसा ही व्यवहार भटके हुए लोगों के साथ करना चाहिए। इसी तरह रास्ता भटके लोग सही राह पर लौट सकते हैं।

बुरे लोग बीमार व्यक्ति की तरह होते हैं

एक अन्य प्रसंग के अनुसार एक दिन ईसा मसीह बुरे लोगों के साथ बैठकर खाना खा रहे थे। कुछ लोगों ने ईसा मसीह शिष्यों से कहा कि तुम्हारे गुरु कैसे हैं? बुरे लोगों साथ भोजन कर रहे हैं।

शिष्यों को भी ये बात सही नहीं लगी। उन्होंने ईसा मसीह से पूछा कि आप बुरे लोगों के साथ बैठकर भोजन क्यों कर रहे हैं? प्रभु यीशू बोले कि एक बात बताओ स्वस्थ और बीमार व्यक्ति में से सबसे ज्यादा वैद्य की जरूरत किसे होती है?

सभी लोगों ने जवाब दिया कि बीमार व्यक्ति को वैद्य की जरूरत होती है। ईसा मसीह ने कहा कि मैं भी एक वैद्य ही हूं। बुरे लोग रोगी की तरह हैं। उन लोगों की बीमारी दूर करने के लिए मैं उनके साथ बैठकर खाना खाता हूं, उनके साथ रहता हूं। जिससे वे भी अच्छे इंसान बन सके। अच्छे लोगों से पहले बुरे लोगों को सही रास्ता बताना चाहिए, क्योंकि उन्हें सही-गलत की जानकारी नहीं होती है।



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