दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाया 1 लाख का जुर्माना; केंद्र ने कहा था- पिटीशन कानून का गलत इस्तेमाल

Posted By: Himmat Jaithwar
5/31/2021

नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर किया था। इसमें केंद्र ने याचिका खारिज करने और याचिकाकर्ता पर हर्जाना लगाने की मांग की थी।

केंद्र ने कहा था कि प्रोजेक्ट का काम रोकने के लिए जनहित का बहाना बनाया गया है। याचिका कानूनी प्रक्रिया का सरासर दुरुपयोग है। यह इस प्रोजेक्ट को लटकाने का एक और प्रयास है। हलफनामे में केंद्र ने बताया था कि डीडीएमए (दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) ने 19 अप्रैल 2021 को एक आदेश जारी किया था। इसके मुताबिक, कर्फ्यू काल में उन जगहों पर निर्माण कार्य जारी रखा जा सकता है, जहां मजदूर उसी साइट पर रह रहे हों। यहां 19 अप्रैल से यहां 400 मजदूर काम कर रहे थे। फिलहाल 250 मजदूर काम कर रहे हैं। वे वहीं रह रहे हैं।

इन तीन मुद्दों पर भी होगी सुनवाई
इसके साथ ही कोरोना से जुड़े तीन मामलों पर आज कोर्ट में सुनवाई होनी है। 12वीं बोर्ड (CBSE और ICSE) की परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी तो वहीं कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन सप्लाई के मुद्दे पर भी आज सर्वोच्च अदालत में सुनवाई होनी है। इसके अलावा वैक्सीन सप्लाई से जुड़े मामले में भी आज सुनवाई होना है।

ऑक्सीजन संकट पर कोर्ट ने लिया संज्ञान
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन संकट पैदा हो गया था। कई लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया था। इस पर 31 मई से सुनवाई शुरू होनी है। जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एसआर भट्ट की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। मामले की सुनवाई कर रही 3 जजों की पीठ में शामिल जस्टिस चंद्रचूड़ कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। इसलिए पिछली बार तय समय पर सुनवाई नहीं हो पाई थी, लेकिन वे अब कोरोना से रिकवर हो चुके हैं।



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