राजस्थान में 5 लोगों ने 198 को बनाया मरीज; रामगंज में एक शख्स की लापरवाही से 126 बीमार, भीलवाड़ा में एक डॉक्टर से 27 लोग हुए संक्रमित

Posted By: Himmat Jaithwar
4/10/2020

जयपुर.  कोरोना को सबकी तलाश है...बचने का सिर्फ एक रास्ता है- घर में रहिए।  कोरोनास्थान बन चुके राजस्थान में मरीजों का आंकड़ा 463 हो चुका है। इसके सबसे बड़े जिम्मेदार हैं- चुनिंदा लोग जिनकी लापरवाही पूरे प्रदेश के लिए भारी पड़ी। महज 6 लोगों ने 198 को कोरोना बांट दिया। जयपुर में 1 व्यक्ति से 126 लोगों को, भीलवाड़ा में एक डॉक्टर से 27 को, कोटा में एक ड्राइवर से 14 को, पोकरण के ड्राइवर से 18 को और जोधपुर में एक महिला से 13 लोगों में संक्रमण फैला। पढ़िए, वो 6 कहानियां, जिन्होंने घुटनों पर रेंग रहे कोरोना को पंख लगाए..

जयपुर में ओमान से लाया रोग, परकोटा में कोरोना विस्फोट

जयपुर में पहला काेराेना पाॅजिटिव 2 मार्च काे मिला था। यह इटली का नागरिक था। 25 मार्च तक जयपुर में कुल 8 राेगी ही थे। मगर 26 मार्च काे रामगंज में नाैवां केस सामने आने के बाद काेराेना ने ऐसा तांडव मचाया कि 9 अप्रैल तक यह आंकड़ा 168 तक पहुंच गया। इसमें 127 अकेले रामगंज के हैं। और इसके पीछे जिम्मेदार है- सिर्फ एक व्यक्ति। 45 वर्षीय यह व्यक्ति पाॅजिटिव पाए जाने से 14 दिन पहले यानी 12 मार्च काे ओमान से लाैटा था। दिल्ली एयरपाेर्ट पर काेराेना के लक्षण नहीं मिलने के बाद उसे जाने दिया गया। वह दिल्ली से बस में जयपुर आया। स्वास्थ्यकर्मियाें काे उसकी जानकारी मिली ताे घर पहुंचे। उसे हिदायत दी कि 14 दिन तक घर में ही क्वारैंटाइन में रहना। लेकिन वह नहीं माना और परिजनाें, मित्राें व रिश्तेदाराें से मिलता रहा। 23 मार्च को उसकी तबियत बिगड़ी। सैंपल लिए गए। 26 को रिपोर्ट आई कि वह कोरोना पाॅजिटिव है। मगर तब तक वह 22 परिजनाें समेत करीब 200 लाेगाें से मिल चुका था। महज 24 घंटे बाद ही उसके खास दाेस्त की रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव आ गई। इसके बाद ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि एक के बाद एक करते हुए आंकड़ा 127 तक पहुंच चुका है। गुरुवार को भी रामगंज में 12 नए पॉजिटिव मिले।

सबक 1- सिर्फ हिदायत नहीं सख्ती से क्वारैंन्टाइन कीजिए

  • दिल्ली एयरपाेर्ट पर लक्षण नहीं मिलने के बावजूद ओमान से लौटे शख्स को क्वारेंटाइन करना चाहिए था। 
  • मेडिकल टीम काे 14 दिन घर में ही रहने की सिर्फ हिदायत देने की जगह सख्ती से क्वारेंटाइन करना था।
  • विदेश से लौटने के बाद राेगी काे खुद ऐहतियात के तौर पर 14 दिन सेल्फ अाइसाेलेशन में रहना था।

28 में से 25 स्वस्थ हो चुके हैं,  नए मरीज मिलना भी कम हुआ

भीलवाड़ा 19 मार्च तक शांत था। मगर ब्रजेश बांगड़ हाॅस्पिटल के एक डाॅक्टर की लापरवाही के कारण कुल 28 लाेग पाॅजिटिव हाे चुके हैं। इनमें दाे की माैत भी हाे गई है। गुरुवार रात एक नया पॉजिटिव मरीज मिला है, उसका इलाज चल रहा है। हालांकि,  सुखद खबर यह है कि बाकी बचे 25 मरीज 8 अप्रैल तक स्वस्थ हो चुके हैं। सीएम अशोक गहलोत ने 25 रोगियों के ठीक होने पर संतोष व्यक्त किया है। कहा कि भीलवाड़ा के मॉडल की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। भीलवाड़ा में नए मरीज मिलने की रफ्तार भी अपेक्षाकृत बहुत धीमी है। दरअसल, जिस डाॅक्टर के कारण इस बीमारी ने भीलवाड़ा काे निशाना बनाया, उसके घर पर सऊदी अरब से आकर कुछ लाेग ठहरे थे। उनके संपर्क में आने से ही वह संक्रमित हाे गया। बावजूद इसके वह अस्पताल में ड्यूटी के लिए आता रहा और न सिर्फ 18 डाॅक्टराें और नर्सिंगकर्मियाें काे संक्रमित किया बल्कि हजाराें मरीजाें काे भी खतरे में डाल दिया। संक्रमण संभावित 11 हजार से ज्यादा लाेगाें काे हाेम आइसाेलेशन में या क्वारेन्टाइन में रहने के लिए कहा गया। मगर यहां प्रशासन ने पहला पॉजिटिव मिलते ही सीमाएं सील कर दीं। कर्फ्यू और महाकर्फ्यू लगाया। 

सबक 2- पहला पॉजिटिव मिलते ही सीमाएं सील करें

  • पहला मरीज मिलते ही सभी सीमाएं सील कर दी गईं, जांचें तेज कीं। कर्फ्यू और फिर महाकर्फ्यू लगाया।
  • सऊदी अरब से आए विदेशियों के संपर्क में आने के बाद डाॅक्टर काे सेल्फ आइसाेलेशन में रहना था।
  • लक्षण दिखने से पहले ही साथ काम करने वाले डाॅक्टरों, नर्सिंगकर्मियाें और मरीजों से दूरी बनानी थी।

कोटा :  ड्राइवर की बेफिक्री से बुजुर्ग की माैत और 15 पाॅजिटिव
हाड़ौती का मुख्यालय पूरे मार्च शांत रहा और एक भी केस नहीं आया। 4 अप्रैल की देर रात काेटा के एमबीएस अस्पताल में एक मरीज की माैत हुई। अगले ही दिन उसकी रिपोर्ट काेराेना पाॅजिटिव आ गई। आठ घंटे के अंदर ही पता चला कि मृतक के परिवार के 8 सदस्य और एक टैक्सी ड्राइवर की रिपाेर्ट भी पाॅजिटिव आई है। कारण यह सामने आरहा है कि वह टैक्सी ड्राइवर गत दिनाें जयपुर से तब्लीगी जमात के लाेगाें काे लेकर काेटा आया था। बुजुर्ग इसी ड्राइवर में संपर्क में आने से काेराेना पाॅजिटिव हुआ। टैक्सी ड्राइवर के संपर्क में आने वाले दाेनाें इलाकाें और उससे मिलने वाले करीब 100 लाेगाें के टेस्ट किए जा चुके हैं। अब तक कोटा में कुल 17 रोगी मिले हैं। 

सबक 3- ड्राइवर से भी दूरी बनाए रखिए

  • बुजुर्ग काे ड्राइवर के संपर्क में आने से बचना था, लक्षण पर जांच करानी थी।
  •  टैक्सी ड्राइवर खुद ऐहतियात बरतता तो न खुद संक्रमित होता न कोई और।

पोकरण : एक एंबुलेंस ड्राइवर ने 18 लोगों तक पहुंचाया राेग
पोकरण हॉट स्पॉट बन गया है। यहां एक टैक्सी ड्राइवर कथित रूप से एंबुलेंस चलाने का कहकर तब्लीगी जमात के कुछ लोगों के संपर्क में आया। उससे चार दिनों में 18 कोरोना पीड़ित सामने आ चुके हैं। पहला मरीज सोमवार को मिला था। इसके बाद मंगलवार को एक साथ 13 रोगी मिले। गुरुवार काे 5 और मरीज सामने आ गए। पोकरण में तब्लीगी के कई ग्रुप पहुंचे थे। इसमें एक ग्रुप मरकज से आया था। इससे पोकरण में कोरोना का पहला मरीज सामने आया था। जमातियों के पोकरण पहुंचने पर यहां के लोगों ने उनकी मेजबानी की थी। टैक्सी ड्राइवर एंबुलेंस के बहाने कुछ लोगों को बीकानेर ले गया, कुछ को जोधपुर। इससे कई संक्रमित हो गए। उसके खिलाफ द्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया है। 

सबक 4- लॉकडाउन सख्ती से लागू करें

  • पोकरण का ड्राइवर लॉकडाउन के बाद भी कई जगह गाड़ी से घूमता रहा।
  • तब्लीगी जमात के लोग कई जगह दावतों और मीटिंगों में शामिल हो गए।

जाेधपुर : अहमदाबाद से लौटी महिला ने 13 को कोरोना बांटा
जोधपुर 21 मार्च तक शांत था। इसके अगले दिन तुर्की से लौटे एक युवक में संक्रमण की पुष्टि हुई। फिर उसके चाचा-चाची भी पॉजिटिव पाए गए, जो तुर्की में उसके साथ थे। लेकिन नागौरी गेट निवासी एक महिला से पूरा इलाका संक्रमण का हॉटस्पॉट बन गया। यह महिला बेटी के इलाज के लिए अहमदाबाद गई थी। लौटने पर पॉजिटिव पाई गई। उससे संक्रमण उसके चाचा-चाची, भाभी और 2 किराएदार में फैला। फिर वहां से 7 और पॉजिटिव सामने आए। इस इलाके में सर्वे करने वाला एक डॉक्टर भी गुरुवार को संक्रमित हो गया। वहीं, हाथी राम का ओड़ा में मध्यप्रदेश से लौटे पॉजिटिव युवक से उसकी बहन संक्रमित हो गई। जिले में गुरुवार काे कोरोना से पहली मौत भी हो गई। 

सबक 5- सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है

  • महिला अपनी बेटी का इलाज कराकर लौटी तो उसे परिजनों से दूरी बनानी थी।
  • तुर्की से लाैटे युवक काे एयरपाेर्ट पर ही क्वारैंन्टाइन करना चाहिए था। 
  • महिला से 13 लोगाें और सब्जीवाले से 5 लोगों में कोरोना पॉजिटिव हो गया। अगर इन दोनों की समय से जांच होती तो इस नौबत से बच सकते थे।

झुंझुनूं : एक हफ्ते में 15 नए मरीजों में से 14 जने तब्लीगी
झुंझुनूं में पहला केस 18 मार्च को आया था। 8 मार्च काे इटली से लाैटे झुुंझुनूं के दंपती और उनकी ढाई साल की बच्ची काेराेना के पहले शिकार बने। इस दाैरान ये तीनाें विभिन्न अस्पतालाें और शहर के बाजाराें में घूमते रहे। तबियत बिगड़ने पर 17 मार्च काे अस्पताल में भर्ती हुए। इटली से लाैटने पर एयरपाेर्ट पर उनकी जांच हुई थी लेकिन तब काेई लक्षण नहीं मिले थे। उनके कहा गया था कि वे 14 दिनाें तक हाेम आइसाेलेशन में रहें लेकिन वे शहर में घूमते रहे। इसके बाद यहां कोरोना पॉजिटिव के आंकड़े बढ़ने लगे। वहीं, दिल्ली में मरकज से आई सूची के आधार पर जब सैंपल लेना शुरू किया गया ताे पिछले कुछ दिनाें में ही मिले 15 पाॅजिटिव में 14 तब्लीगी के और एक विदेशी युवक है।

सबक 6- घर में रहें, यही सबसे बड़ा धर्म

  • झुंझुनूं का दंपती इटली से लाैटा था ताे एयरपाेर्ट पर उसे क्वारैंन्टाइन करना था।
  • हाेम आइसाेलेशन की सलाह के बाद दंपती काे शहर में कहीं नहीं घूमना था।



Log In Your Account