प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश की जनता को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम में मोदी ने कहा, 'चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी उतना ही बड़ा रहा है। सेवाभक्ति और अनुशासन ने देश को हर तूफान से बाहर निकाला है। उन्होंने ऑक्सीजन टैंकर के ड्राइवर से बात की और कहा कि सुदुर इलाकों में ऑक्सीजन पहुंचाना बड़ी चुनौती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फ्रंटलाइन वर्कर्स, डॉक्टर्स और नर्सों ने लगातार काम किया और आज भी कर रहे हैं। इन वॉरियर्स पर चर्चा करने का मुझसे आग्रह किया गया है। दूसरी लहर में ऑक्सीजन की मांग अचानक बढ़ गई। काफी प्लांट पूर्वी हिस्सों में हैं, जहां से इसे पहुंचाने में दिक्कत आती है
अब हम आपदाओं में ज्यादा जान बचा पा रहे मोदी ने आगे कहा कि ताऊ ते और यास तूफान से देश लड़ा और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की। पिछले कुछ सालों में हम आपदाओं में ज्यादा से ज्यादा जान बचा पा रहे हैं। संकट की घड़ी में जिस धैर्य, साहस और अनुशासन से आपदा प्रभावित राज्यों के लोगों ने काम किया, उनका धन्यवाद। जो लोग मदद के लिए सामने आए उन्हें सैल्यूट करता हूं। केंद्र और राज्य सभी मिलकर इन आपदाओं से लड़े। जिन्होंने अपनों को खोया, उन्हें सैल्यूट करता हूं।
PM मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात करते हैं। अब तक वे इस कार्यक्रम के 76 एपिसोड को संबोधित कर चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर और वैक्सीन की किल्लत के बीच उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस पर अपनी बात रखेंगे। प्रधानमंत्री देश की जनता को कोरोना से सतर्क रहने का संदेश भी दे सकते हैं।
वैक्सीन को लेकर अफवाह में नहीं आने की अपील की थी
पिछले कार्यक्रम में उन्होंने डॉक्टर्स, नर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोरोना सर्वाइवर्स से बात की थी और कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उनके अनुभव देश के साथ साझा किए थे। उन्होंने वैक्सीनेशन को लेकर भी साफ किया था कि वैक्सीन की अहमियत सभी को पता चल रही है। किसी अफवाह में न आएं।
पिछली बार भी कोरोना पर बात की थी
पिछले कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि आज आपसे मन की बात एक ऐसे समय कर रहा हूं जब कोरोना हम सभी के धैर्य, हम सभी के दुख बर्दाश्त करने की सीमा की परीक्षा ले रहा है। बहुत से अपने हमें छोड़ कर चले गए हैं। कोरोना की पहली वेव का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश हौंसले से भरा हुआ था, आत्मविश्वास से भरा हुआ था, लेकिन इस तूफान ने देश को झकझोर दिया है। इस समय हमें इस लड़ाई को जीतने के लिए विशेषज्ञ और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देनी है।