नई दिल्ली। आज किसान आंदोलन के जहां 6 महीने पूरे हो गए, वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने भी अपने कार्यकाल के 7 साल पूरे कर लिए। भाजपा अपनी सरकार की 7वीं सालगिरह पर आज कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं करेगी, लेकिन किसान आंदोलन के सबसे बड़े संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने आज देशभर में काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। मोर्चा ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में देशवासियों से समर्थन मांगा है।
मोर्चा के नेताओं ने लोगों से अपील की है कि वे आज अपने घरों और वाहनों पर काला झंडा लगाएं। किसान मोर्चा धरनास्थल पर ही बुद्ध पुर्णिमा मनाएंगे। दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
टिकैत बोले- घरों से लेकर सोशल मीडिया तक विरोध जताएंगे
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया कि हमने 26 मई को मोदी सरकार के पुतले जलाने का भी आह्वान किया है। हमारे समर्थन में लोग अपने घरों, दुकानों, वाहनों समेत सोशल मीडिया पर काले झंडे लगाकर किसान विरोधी-जनता विरोधी मोदी सरकार का विरोध करेंगे।
किसान नेताओं ने समर्थन का दावा किया
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के अनुसार, इस मुहिम का देश के ट्रेड यूनियन और छात्र संगठन खुलकर समर्थन कर रहे हैं। यह पूछने पर कि क्या किसान दिल्ली की सीमाओं पर इकट्ठा होंगे या दिल्ली के अंदर भी जाने का प्रयास होगा? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि जो व्यक्ति जहां है वो वहीं रहेगा, कोरोना नियमों का पालन करते हुए अपना विरोध दर्ज करेंगे।
दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
किसानों के आह्वान के मद्देनजर दिल्ली पुलिस भी सतर्क हो गई है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि कोरोनावायरस के कारण लोगों की जान जा रही है। हमने किसानों से अपील की है कि महामारी के समय में भीड़ जुटाने से संक्रमण का खतरा है। ऐसे में कई लोग इससे प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए प्रदर्शन करने या लोगों को इकट्ठा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गैरकानूनी काम करेगा या कोरोना नियमों को तोड़ने का प्रयास करेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई करेंगे। दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। वहीं एहतियातन सुरक्षा बढ़ा दी गई है।