देश के कई राज्यों ने अपेक्षित तीसरी लहर को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 12 साल तक के बच्चों के पैरंट्स को वैक्सीन लगाने में प्राथमिकता दी जा रही है ताकि बच्चों में संक्रमण न फैले। सभी जिला अस्पतालों में 100 बेड बढ़ाए जा रहे हैं। रिक्त पदों पर पिछले 20 दिनों में 2788 मेडिकल स्टॉफ की भर्ती की जा रही है। इधर, गुजरात में 18 से 45 साल आयु वर्ग के लोगों का महा-टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत रोज 1 लाख टीके लगाए जाएंगे। साथ ही 45 से ऊपर आयु वर्ग में भी टीके की रफ्तार बढ़ाई जाएगी।
छत्तीसगढ़ में सभी 28 जिला अस्पतालों में कम से कम 50-50 पीआईसीयू और एनआईसीयू बढ़ाए जा रहे हैं। रायपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल और 5 अस्पताल केयर सेंटर में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के साथ ऑक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों के लिए 1 हजार बिस्तर बढ़ाए जा रहे हैं। हिमाचल सरकार ने भी सोमवार को धर्मपुर के कम्युनिटी हेल्थ सेंटर को 100 बिस्तरों के अस्पताल में तब्दील करने के साथ ही रिक्त पदों पर तत्काल सीधी भर्ती करने के आदेश दिए हैं।
बिहार : 35 हजार बेड बढ़ेंगे, बच्चों का डेटा तैयार किया जा रहा है
राज्य में सभी अस्पतालों से जरूरतें बताने को कहा गया है। पांच बड़े अस्पतालों में 372 वेंटिलेटर बेड बढ़ाए जा रहे हैं। 30-35 हजार बेड बढ़ाए जाएंगे। सभी जिलों में 100-500 बेड के अस्थाई अस्पताल खोलने की योजना पर काम चल रहा है। निजी अस्पतालों में भी बेड की संख्या बढ़ेगी। ऑक्सीजन, दवाइयों सहित बच्चों का डेटा तैयार किया जा रहा है ताकि उस हिसाब से तैयारी की जा सके।
महाराष्ट्र: बच्चों के लिए हर जिले में विशेष सेंटर, ऑक्सीजन में आत्मनिर्भर
महाराष्ट्र में बच्चों के लिए सभी जिलों में विशेष कोविड केयर वॉर्ड तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए डॉ. सुहास प्रभु की अध्यक्षता में बाल रोग विशेषज्ञों की एक टास्क फोर्स गठित की गई है। राज्य अपनी मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 3 हजार मीट्रिक टन रोजाना कर खुद को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में जुटा हुआ है। उधर, बीएमसी ने कोरोना पीड़ित बच्चों के लिए क्रेच नेटवर्क तैयार करने की योजना बनाई है।
पंजाब: प्रशिक्षण के साथ हर जिले में निमोन केयर यूनिट बनाए जा रहे हैं
पंजाब के सभी जिलों में सिक निमोन केयर यूनिट (एसएनसीयू) बनाए जा रहे हैं। डॉक्टरों को भी तीसरी लहर से निपटने के लिए जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिन राज्यों में तीसरी लहर पहले आएगी वहां के मरीजों के लक्षणों और इलाज के बारे में भी जानकारी साझी की जाएगी, ताकि जानी नुकसान कम से कम हो। अस्पतालों में बेड्स और आक्सीजन सहित दूसरी जरूरी दवाओं का स्टॉक पहले से ही तैयार किया जा रहा है।
झारखंड: हर जिले में 20 बेड का आईसीयू, ट्रेनिंग पर फोकस ज्यादा
यहां बच्चों के लिए आइसोलेशन वार्ड, एनआइसीयू, एसएनसीयू और पीडियाट्रिक यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। सभी जिला अस्पतालों में 20 बेड के आईसीयू बनाए जा रहे हैं। ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है। पीडियाट्रिक डॉक्टरों की कमी के कारण जनरल एमबीबीएस डॉक्टरों को राज्य में दो सेंटरों पर ट्रेनिंग दी जा रही है। दवाएं और वेंटिलेटर खरीदी के साथ ही 27 स्थानों पर पीएसए प्लांट लगाए जा रहे हैं।