नई दिल्ली। कई लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए ऐसी जगह निवेश करते हैं, जहां से उन्हें टैक्स छूट का लाभ मिल सके। इसके तहत कई लोग टैक्स सेविंग FD (5 साल की FD) में निवेश करते हैं, लेकिन इनकम टैक्स छूट का लाभ पाने के लिए आपको इसमें 5 साल के लिए निवेश करना होता है। इससे पहले पैसा निकालने पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलेगा। हम आपको बता रहे हैं कि ऐसी स्थिति में आपको कितना टैक्स देना होगा।
क्या है टैक्स सेविंग FD?
5 साल वाली FD को टैक्स सेविंग FD कहा जाता है। इसमें निवेश पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स की छूट ली जा सकती है। सभी बैंक टैक्स सेविंग FD ऑफर करते हैं।
5 साल से पहले FD तोड़ने पर कितना देना होगा टैक्स?
आपने जिस साल इन योजनाओं में निवेश किया, उस पर आपने आयकर कानून की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए पर टैक्स छूट का लाभ लिया। यदि आप इसे मैच्योर होने से पहले निकालते हैं तो जिस साल आपने ऐसा किया, उस साल वह पूरी रकम आपकी आय में जोड़ दी जाएगी, जिस पर आपने इनकम टैक्स छूट का लाभ लिया है। इसके अलावा प्राप्त ब्याज को भी आपकी आय में जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद आप जिस इनकम टैक्स स्लैब में आएंगे उस आधार पर आपसे टैक्स वसूला जाएगा।
उदाहरण से समझें : मान लीजिए 2019 (2019-20) में टैक्स सेविंग FD करके उसके तहत आपने सालाना आय पर 1.5 लाख रुपए टैक्स छूट का लाभ लिया है। लेकिन आप 5 साल की जगह इसे एक साल बाद यानी 2020 में ही तुड़वा लेते हैं तो आपने जो 1.5 लाख रुपए पर टैक्स छूट का लाभ लिया है, वो आपकी 2020 (वित्त वर्ष 2020-21) की आय में जोड़ा जाएगा। इसके बाद आप जिस इनकम टैक्स स्लैब में आएंगे उस आधार पर आपसे टैक्स वसूला जाएगा।
क्या है सेक्शन 80C?
आयकर कानून का सेक्शन 80C दरअसल इनकम टैक्स कानून, 1961 का हिस्सा है। इसमें उन निवेश माध्यमों का उल्लेख है, जिनमें निवेश करने के बाद आयकर में छूट का दावा किया जा सकता है। कई लोग वित्त वर्ष खत्म होने से पहले टैक्स बचाने के लिए निवेश करना शुरू करते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, आप कुल आय से 1.5 लाख रुपए की कटौती का दावा कर सकते हैं। आसान भाषा में इसे ऐसे समझें, आप धारा 80C के माध्यम से अपनी कुल कर योग्य आय से 1,50,000 रुपए तक कम कर सकते हैं।