निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स में निवेश आपको कम रिस्क के साथ दिला सकता है ज्यादा फायदा, यहां जानें इससे जुड़ी खास बातें

Posted By: Himmat Jaithwar
5/23/2021

नई दिल्ली। अक्सर आपने सुना है कि म्यूचुअल फंड को प्रोफेशनल्स मैनेज करते हैं और वो रिसर्च करके सही शेयर्स का पोर्टफोलियो बनाते हैं। फंड मैनेजर की हमेशा कोशिश रहती है की वो निवेशकों को अधिक से अधिक रिटर्न दिला सकें। हालांकि ये सच है की फंड मैनेजर्स गहन अध्ययन के बाद स्कीम के उद्देश्य के हिसाब से उसका पोर्टफोलियो तैयार करते हैं और उस स्कीम की परफॉर्मेंस की तुलना किसी इंडेक्स से करते हैं और उस इंडेक्स की परफॉर्मेंस को बेंचमार्क मान कर चलते हैं।

फंड मैनेजर की कोशिश हमेशा यही रहती है कि स्कीम के बैंचमार्क के मुकाबले बेहतर रिटर्न दिला सकें। लेकिन कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता। क्योंकि शेयरों के चुनाव में एक भावनात्मक दृष्टिकोण भी होता है। अब यदि आप चाहते हैं की आपकी स्कीम वैसा ही प्रदर्शन करे जैसा की वो इंडेक्स जिसे वो स्कीम ट्रैक कर रही है तो इसका तरीका है एक इंडेक्स फंड में निवेश। इंडेक्स फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड ही है लेकिन इसके पोर्टफोलियो में शेयर फंड मैनेजर तय नहीं करते बल्कि उस इंडेक्स के पोर्टफोलियो को कॉपी करते है जिस पर ये फंड आधारित होता है। यानी की एक इंडेक्स फंड पूरी तरह से पैसिव या निष्क्रिय फंड होता है।

क्या है निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स?
निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स को समझने से पहले निफ्टी 50 इंडेक्स को जानना जरूरी है। निफ्टी 50 NSE का एक फ्लैगशिप इंडेक्स है जो की 50 दिग्गज कंपनियों के संयोजन से बना है। ये कंपनियां सभी मुख्य सेक्टर्स से ली गई हैं। किन्तु निफ्टी 50 इक्वल वेट में सभी कंपनियों का वेट बराबर नहीं है। जिस कंपनी का मार्केट कैप अधिक है उसका वेट या हिस्सेदारी अधिक है। इसका एक नुकसान यह होता है की यदि कोई ऐसे कंपनी जो आकार में छोटी है और जिसकी हिस्सेदारी इंडेक्स में कम है यदि उसका परफॉर्मेंस बहुत अच्छा भी होता है तो निफ्टी 50 इंडेक्स की परफॉर्मेंस में उसका लाभ अधिक नहीं मिल पाता।

इसमें कभी कंपनियों को रहता है बराबर हिस्सा
निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स में वही 50 कंपनियों के शेयर हैं जो निफ्टी 50 इंडेक्स में हैं लेकिन इक्वल वेट इंडेक्स में इन सभी का वेट लगभग 2% के आस पास है। यानि की जो भी शेयर परफॉर्म करेगा उसका पूरा पूरा फायदा इंडेक्स को मिलेगा। जिस तरह क्रिकेट में जब टेस्ट मैच का जमाना था तब टीम को जिताने की जिम्मेदारी 2- 3 अच्छे बल्लेबाजों के ऊपर रहती थी लेकिन आज वन डे या 20-20 फॉरमेट में जीत तभी संभव हो पाती है जब सभी खिलाड़ी एक सामान कॉन्ट्रिब्यूट करें। उसी प्रकार निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स एक नए जमाने का इंडेक्स है।

निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स ने किया बेहतर प्रदर्शन
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट और ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक व सीईओ पंकज मठपाल कहते हैं कि निफ्टी 50 के अप्रैल 2021 का पोर्टफोलियो देखें तो पता चलता है की जहां इंडेक्स में रिलायंस इंडस्ट्री की हिस्सेदारी लगभग 10 % है वहीं ITC की हिस्सेदारी 3% से भी कम है। ऐसे में यदि रिलायंस इंडस्ट्री का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता है तो इंडेक्स को काफी नुकसान होगा। यदि पिछले प्रदर्शन पर एक नजर डालें तो देखा जा सकता है कि निफ्टी 50 के मुकाबले निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स का प्रदर्शन बेहतर रहा है। यहां तक की यदि वित्तीय वर्ष 2020-21 की बात की जाएं तो जहां एक ओर निफ्टी 50 ने लगभग 70% का रिटर्न दिया वहीं निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स ने लगभग 86% का।

2001-2002 के डॉट कॉम क्रैश के बाद 2002- 2003 की रिकवरी हो, 2008 के ग्लोबल फाइनेंसियल क्राइसेस के बाद 2009 की रिकवरी हो ,या 2020- 2021 में कोरोनापेंडेमिक की वजह से शेयर बाज़ार में तेज गिरावट के बाद की रिकवरी हो, हर एक स्थिति में निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स का प्रदर्शन निफ्टी 50 के मुकाबले बेहतर रहा है। यानी की जब शेयर बाजार में तेज गिरावट आई है। तब उस गिरावट के बाद रिकवरी निफ्टी 50 इंडेक्स के मुकाबले निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स बेहतर साबित हुआ है।

इंडेक्स फण्ड में निवेश के फायदे
इंडेक्स बहुत गहन अध्यन के बाद एक वैज्ञानिक पद्धति से तैयार किए जाते हैं। खासतौर पर यदि निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स के बात करें तो यह एक डाइवर्सिफाइड इंडेक्स है। यहां पर सेक्टर और शेयर दोनों में अच्छा डाइवर्सिफिकेशन है इसलिए जोखिम कम हो जाता है।

हर 6 महीने में एक बार इसके पोर्टफोलियो का पुनर्गठन होता है और हर 3 महीने में रि-बैलेंसिंग होती है। क्योंकि इस इंडेक्स में हर एक कंपनी की हिस्सेदारी 2% रखनी होती है इसलिए यदि किसी कंपनी की बेहतर परफॉर्मेंस के कारण यदि इसकी हिस्सेदारी 2% से अधिक हो जाती है तो उसे कम कर दिया जाता है। इस प्रकार से प्रॉफिट बुकिंग भी हो जाती है।

इसमें 500 रुपए से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत
लो टर्नओवर व लो एक्सपेंस रेश्यो किसी भी इंडेक्स की विशेषता होती है। निफ्टी 50 इक्वल वेट इंडेक्स के जरिए थोड़े पैसों में 50 कंपनियों में हिस्सेदारी संभव है। यदि कोई निवेशक निफ्टी 50 का कम से कम एक शेयर खरीदना चाहे तो उसे लगभग 1.50 लाख रुपए निवेश करने होंगे और यदि सभी शेयरों में बराबर निवेश करना चाहे तो लगभग 15 लाख रुपए के निवेश के साथ ऐसा करना संभव हो सकेगा। लेकिन इंडेक्स फंड के जरिए ये बहुत ही छोटी रकम से किया जा सकता है। हाल ही में आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड ने ऐसे ही निफ्टी 50 इक्वलवेट इंडेक्स पर आधारित एक फंड लॉन्च किया है जिसमें सिर्फ 500 रुपए से निवेश की शुरुआत की जा सकती है।



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